यह भी पढ़ें- योगी सरकार यूपी के सभी जिलों में लागू करेगी ये योजना, किसानों को होगा बड़ा फायदा, जानिये क्या है योजना बता दें कि हाथरस में फिलहाल दर्जनभर से अधिक रंग और गुलाल बनाने की फैक्ट्रियां हैं और करीब आठ हजार लोग रंगों के इस कारोबार से जुड़े हैं। पिछले कई महीनों से यहां रंग गुलाल बनाने का काम चालू है। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के कारण कारोबारियों ने यहां पहले के मुताबिक कम माल तैयार कराया है, जिसे ऑर्डर के अनुसार सप्लाई किया जा रहा है। रंग गुलाल से जुड़े एक कारोबारी ने बताया कि हाथरस में अधिकांशत: गुलाबी, हरा, लाल, केसरिया और पीले रंग का गुलाल बनाया जाता है। गुलाल बनाने के पंजाब, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश से कच्चा माल आयात किया जाता है। उन्होंने बताया कि हाथरस में मूल रंग नहीं बनाया जाता है। यहां स्टार्च और डैक्सट्रीन पाउडर के बेस से रंग तैयार करते हैं। इसके बाद फैक्ट्रियां अपने मार्का के साथ बाजार में बेचती हैं।
दिल्ली-मुंबई तक होती है सप्लाई एक उद्यमी ने बताया कि होली पर तकरीबन सभी शहरों में हाथरस के रंगों की खासी डिमांड रहती है। देश की राजधानी दिल्ली और फिल्म सिटी मुंबई के बड़े दुकानदार भी हाथरस से ही गुलाल मंगाते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के सभी शहरों के अलावा हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड समेत सभी राज्यों में हाथरस के गुलाल की अच्छी खासी डिमांड रहती है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते पहले से कुछ कम ऑर्डर आए हैं। इसलिए कारोबारियों ने कम माल ही बनवाया है।
रंग कारोबार में समस्याएं हाथरस के रंग गुलाल कारोबारियों का कहना है कि यहां के रंग उद्योग को सरकार की तरफ से कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। टैक्स में छूट मिले तो यह उद्योग उबर सकता है। रंग कारोबार में सबसे बड़ी समस्या बिजली संकट, माल के परिवहन और लेबर की है। उन्होंने बताया कि परिवहन की सीधी व्यवस्था नहीं होने के कारण ट्रकों बार-बार माल चढ़ाना और उतारना होता है। इसलिए माल की कॉस्ट भी बढ़ जाती है।
कारोबार पर कोरोना महामारी का प्रभाव रंग कारोबारी विनोद मित्तल ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी का कारोबार पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। कोरोना की वजह से इस बार महज 50 फीसदी माल ही तैयार हो सका है। उन्होंने बताया कि पिछली बार ज्यादा माल नहीं बिक सका था तो कई व्यापारियों ने अभी तक भी भुगतान नहीं किया। उन्होंने बताया कि इस बार रंगों पर प्रतिबंध का भी डर सता रहा है। वहीं, एक अन्य उद्यमी देवेंद्र गोयल ने बताया कि इस बार होली मार्च के अंत में है। इसलिए उम्मीद है कि इस बार होली का सीजन पहले से अच्छा जाएगा।