सिर पर सूटकेस, हाथ में तिरंगा और मन में रतन टाटा से मिलने की आस, पदयात्रा पर निकले दंपति

उद्योगपति रतन टाटा के जीवन से प्रभावित होकर उनसे मिलने की आस लिए मैहर से मुंबई तक पदयात्रा पर निकले दंपति…

हरदा. किसी के जीवन की अच्छाई किसी दूसरे शख्स को किस हद तक प्रभावित कर सकती है इसकी ताजा तस्वीर हरदा में गुरुवार को देखने को मिली। हरदा में गुरुवार को एक दंपति पैदल यात्रा करते हुए पहुंचे। दंपति मैहर के रहने वाले हैं और मैहर से मुंबई तक की पदयात्रा कर रहे हैं। दंपति का लक्ष्य भारत रत्न उद्योगपति रतन टाटा से मिलना है। दंपति के पैदल हरदा पहुंचने पर सिख समाज के सदस्यों ने उन्हें स्टेशन के पास के गुरुद्वारे में रात ठहराया। अगली सुबह फिर दंपति अपनी यात्रा पर रवान हो गए। दंपति ने बताया कि वो रोजाना करीब 30 किमी. का पैदल सफर तय करते हैं।

रतन से मिलने जतन !
मैहर के ग्राम लटा के रहने वाले राहुल पटेल और उनकी पत्नी सुलोचना सिंह उद्योगपति रतन टाटा के देशहित में किए गए कार्यों से इस कदर प्रभावित हैं कि उनसे मिलने के लिए मैहर से मुंबई तक की पैदल यात्रा कर रहे हैं। राहुल और सुलोचना मैहर से 29 अगस्त को पैदल पदयात्रा पर निकले थे। रोजाना करीब 30 किमी. का सफर तय करते हुए दंपति गुरुवार को हरदा पहुंचे। यहां उन्होंने बताया कि रतन टाटा द्वारा देशहित में योगदान दिया जा रहा है। वे भी उनकी तरह देश और हर वर्ग की समाजसेवा करना चाहते हैं।

 

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राहुल मैकेनिक इंजीनियर हैं और पत्नी सुलोचना फैशन डिजाइनर। दोनों ने रतन टाटा से मिलने की आस में अपनी जॉब छोड़ दी और हाथ में तिरंगा व रतन टाटा की तस्वीर लिए मैहर से मुंबई की पदयात्रा पर निकले हैं। उन्होंने बताया कि उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य रतन टाटा से मिलना है। पत्रिका से बातचीत करते हुए पति राहुल पटेल ने बताया कि वो रोजाना करीब 30 किमी. का सफर करते हैं और जहां कहीं पर भी रात होती है वहीं पर गांव या शहर में रात गुजारकर अगली सुबह फिर से अपनी यात्रा पर निकल पड़ते हैं।

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