सीमांकन के अभाव में वर्क आर्डर होने पर भी नहीं हो रहा 1 करोड़ 62 लाख के पुल का निर्माण

विभागीय प्रक्रियाओं के बीच अटका खिरकिया-आंवलिया मार्ग पर पुल का कार्य

<p>सीमांकन के अभाव में वर्क आर्डर होने पर भी नहीं हो रहा 1 करोड़ 62 लाख के पुल का निर्माण</p>
खिरकिया. ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन सुचारू बनाने के लिए शासन की ओर से पुल पुलियाओं व मार्गों के निर्माण की स्वीकृत दी जाती है, लेकिन कुछ निर्माण कार्य विभागों की उदासीनता के कारण अटक जाते है। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ ऐसी ही स्थिति खिरकिया-आंवलिया मार्ग पर निर्मित होने वाले पुल की भी बनी हुई है। राजस्व विभाग की ओर से सीमांकन नहीं करने से करीब 3 वर्ष से इस पुल का निर्माण अटका है। जानकारी के अनुसार खिरकिया-आंवलिया मार्ग पर चारूवा के समीप पामड़ी नदी पर नए पुल की शासन द्वारा स्वीकृति दी गई है। पूर्व में निर्मित पुल के बाजू से अधिक ऊंचाई व चौड़ाई वाले पुल का निर्माण किया जाना है। पुल के समीप ही श्रीघाटवाली माता का प्राचीन मंदिर स्थित है, लेकिन पुल निर्माण के लिए सीमांकन नहीं होने से कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।
पुल निर्माण की भूमि पर किसानों का अतिक्रमण-
पुल निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा 2017 में दी गई थी। लेकिन शासकीय भूमि पर आसपास के किसानों का अतिक्रमण होने से वास्तविक शासकीय भूमि का पता नहीं चल पा रहा है। पीडब्ल्यूडी के सेतु निगम के माध्यम से पुल का निर्माण होना है। इसके लिए विभाग द्वारा राजस्व विभाग को पूर्व में आवेदन दिए गए। इसके बावजूद सीमांकन नहीं किया जा रहा है। राजस्व विभाग का रवैया उदासीन बना हुआ है। मौके पर शासकीय जमीन होने के बावजूद उसका सीमांकन नहीं हो पा रहा है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को संतोषजनक जबाव भी नहीं मिल पा रहा है।
एक साल से अधिक समय बीता वर्कआर्डर जारी हुए-
पुल को स्वीकृत हुए 3 वर्ष हो चुके है। वहीं वर्कआर्डर जारी किए करीब 1 वर्ष से अधिक बीत चुका है। केवल सीमांकन के अभाव में लाखों की लागत से होने वाले इस पुल का निर्माण नहीं किया जा रहा है। बारिश के दौरान पुल पर पानी भराने कारण आवागमन रूक जाता है। पुल का निर्माण 1 करोड़ 62 लाख रुपए की लागत से किया जाना है। इसका निर्माण वर्तमान पुल के बाजू से ही होना है। पुल का निर्माण 10 फीट ऊंचाई एवं साढ़े 5 मीटर चौड़ाई में होगा। इसके लिए सीमांकन की आवश्यकता है, ताकि भौतिक स्थिति से शासकीय भूमि पर पुल का निर्माण किया जा सके।
ग्रामीण भी कर चुके है सीमांकन की मांग-
पुल के निर्माण कार्य को लेकर ग्रामीण भी मांग कर चुके है। पूर्व में चारूवा एवं जादौपुरा के ग्रामीणों ने एसडीएम को इस संबंध में आवेदन दिया है। इसमें उन्होंने पुल क्रमांक 10/4 का सीमांकन किए जाने के लिए आवेदन दिया है, ताकि किसानों को सही स्थान का पता चल सके एवं पूल निर्माण के दौरान कोई विवाद न हो। इस संबंध में ग्रामीणों ने कृषि मंत्री को भी अवगत कराया है। ग्रामीण मुकेश पाटिल, जगदीश पालीवाल, रमेश, महेश राय सहित अन्य ने मांग की है कि पुल का शीघ्र सीमांकन किया जाए। विभाग को पुल के सीमांकन किए जाने का इंतजार है, ताकि का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सके।
इनका कहना है-
एसडीएम खिरकिया को पूर्व में आवेदन दिया है, लेकिन संतोषजनक परिणाम नहीं आया है। इसीलिए कार्य रूका हुआ है। सीमांकन होने पर पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
आर पांडे, सेतु निगम, पीडब्ल्यूडी
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