हरदा

सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बोलेंगे अंग्रेजी, ब्लॉक के 40 शासकीय स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम

-नर्सरी से 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराने की तैयारीचयनीत स्कूलों में लागू होगी सीएम राइज योजना

हरदाOct 11, 2020 / 10:13 pm

gurudatt rajvaidya

सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बोलेंगे अंग्रेजी, ब्लॉक के 40 शासकीय स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम,सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बोलेंगे अंग्रेजी, ब्लॉक के 40 शासकीय स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम,सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बोलेंगे अंग्रेजी, ब्लॉक के 40 शासकीय स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम

खिरकिया. शासकीय स्कूलों में अधिकांश विद्यार्थियों की पकड़ अंग्रेजी में कमजोर होती है। इससे उन्हें निजी स्कूलों के बच्चों की अपेक्षा कमतर आंका जाता है, लेकिन अब शासकीय विद्यालयों के बच्चों को भी अंग्रेजी में भी दक्ष किया जाएगा। नर्सरी से 12वीं तक के सरकारी स्कूलों में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई कराई जाएगी। स्कूल में शिक्षा के साथ खेल सहित अन्य गतिविधियों में भी विद्यार्थी पारंगत होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग व अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं निजी व उत्कृष्ट स्कूलों की तरह सर्वसुविधायुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की ओर से सीएम राइज योजना लागू की जा रही है। जानकारी के अनुसार खिरकिया ब्लॉक के प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र से 5-5 स्कूलों का चयन होगा। जिन्हें विकसित कर बेहतर शिक्षा के लिए सर्व सुविधायुक्त बनाया जाएगा।
8 जनशिक्षा केंद्रों की 40 स्कूलें बनेगी अंग्रेजी मीडियम-
ब्लॉक में 8 जनशिक्षा केंद्र कन्या शाला खिरकिया, मांदला, चारुवा, दीपगांव कला, मोरगढ़ी, कन्या शाला सिराली, बालक शाला सिराली और पीपल्या हैं। स्कूल शिक्षा विभाग व अजजा विभाग के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र से पांच-पांच स्कूलों का चयन होगा, जहां पर विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा दी जा सके। इन शालाओं का चयन होने के बाद जिला शिक्षाधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, ब्लाक शिक्षाधिकारी, जनशिक्षक इन स्कूलों का भौतिक सत्यापन करेंगे। शिक्षा के लिए बेहतर पाए जाने पर शासन द्वारा इन स्कूलों पर 3 से 4 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें कम्प्यूटर लैब, खेल परिसर, खेल सामग्री सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च होगा।
प्रारंभिक रूप से इन स्कूलों का किया चयन-
प्राथमिक तौर पर सीएम राइज स्कूल के लिए जिन विद्यालयों का चयन किया गया है, उनमें उत्कृष्ट विद्यालय खिरकिया, कन्या हायर सेकंडरी स्कूल खिरकिया, हायर सेकंडरी स्कूल पोखरनी, मिडिल स्कूल पोखरनी, प्राइमरी स्कूल नगांवा माल, हासे स्कूल मांदला, प्राइमरी स्कूल मांदला, मिडिल स्कूल बारंगी, हासे स्कूल बारंगी, मिडिल स्कूल खमलाय, मिडिल स्कूल पहटकला, मिडिल स्कूल दीपगांवकला, मिडिल स्कूल नहालीकला, प्राइमरी स्कूल जूनापानी, मिडिल स्कूल हसनपुरा, मिडिल गल्र्स स्कूल चारुवा, हासे स्कूल चारुवा, प्राइमरी स्कूल सारसूद, प्राइमरी स्कूल टेमलावाड़ी माल, हासे स्कूल जटपुरा माल, मिडिल स्कूल मोरगढ़ी, हासे स्कूल मोरगढ़ी, मिडिल स्कूल मक्तापुर, मिडिल स्कूल जूनापानी, मिडिल स्कूल सुंदरपानी, मिडिल स्कूल जिनवान्या, हासे स्कूल जिनवान्या, हासे कन्या स्कूल सिराली, हासे बालक स्कूल सिराली, प्राइमरी स्कूल रामपुरा, मिडिल स्कूल खूदिया, हासे स्कूल खूदिया, मिडिल स्कूल महेद्रगांव, प्राइमरी स्कूल खुटवाल, हासे स्कूल पीपल्या, प्राइमरी स्कूल जामुखो, मिडिल स्कूल आमाखाल, मिडिल स्कूल जामन्या कला और मिडिल स्कूल पटालदा शामिल हैं। इनके स्कूलों के भौतिक सत्यापन के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
ट्रांजीशन दर को बढ़ाना व ड्रॉपआउट को कम करना प्रमुख उद्देश्य-
नर्सरी में लेकर कक्षा 12वीं तक के समग्र एकीकृत विद्यालय संचालित कर बच्चों की ट्रांजीशन दर को बढ़ाना व ड्रॉपआउट दर को कम करना योजना का प्रमुख उद्देश्य है। साथ ही विद्यार्थियों में 21 वीं शताब्दी की क्षमताओं दक्षताओं को विकमित करना, विद्यालयों को आधुनिक उपकरणों, प्राविधियों और तकनीक से लैस करना, बच्चों के समग्र विकास के लिए खेलकूद, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक आदि पाठ्येतर गतिविधियों हेतु बड़े विद्यालयों को विकसित कर उपयुक्त वातावरण का निर्माण करना, सीएम राइज स्कूलों में भौतिक एवं मानवीय संसाधनों में वृद्धि कर उनका समुचित उपयोग करते हुए पालकों में अशासकीय विद्यालयों के प्रति बढ़ रहे आकर्षण को रोकना है। इसके अलावा नर्सरी से लेकर कक्षा 12 वीं तक हिन्दी माध्यम के साथ अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं संचालित करना,सीएम राइज स्कूलों को सीबीएसइ मान्यता शाला के रूप में परिवर्तन करना एवं छात्रों के सीखने के परिणामों में सुधार लाना है।
इनका कहना है-
ब्लॉक के जनशिक्षा केंद्र से पांच-पांच स्कूलों का चयन कर वहां हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम की भी पढ़ाई कराए जाने की योजना है। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्र्शन और निर्देशानुसार दिसंबर तक ऐसे स्कूलों का चयन कर उन्हें विकसित किया जाएगा।
जीआर चौरसिया, बीआरसी, खिरकिया
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