राजस्थान ने हिस्से का पानी मांगा तो हरियाणा ने मांग दिए 132 करोड़

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हनुमानगढ़. राजस्थान की ओर से अपने हिस्से का पानी मांगने पर हरियाणा ने फिर से वही पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। जून में तय शेयर से कम पानी मिलने पर राजस्थान ने जब हरियाणा पर दबाव बनाना शुरू किया तो हरियाणा ने अचानक शेयर कॉस्ट और नहरों के रखरखाव पेटे १३२ करोड़ की डिमांड राजस्थान सरकार को भेज दी है।
 

<p>राजस्थान ने हिस्से का पानी मांगा तो हरियाणा ने मांग दिए 132 करोड़</p>
राजस्थान ने हिस्से का पानी मांगा तो हरियाणा ने मांग दिए 132 करोड़
-राजस्थान के सिद्धमुख-नोहर नहर परियोजना को मांग के अनुसार सिंचाई पानी देने का मामला
-असलियत जांचने को कमेटी खंगाल रही भुगतान संबंधी दस्तावेज
हनुमानगढ़. राजस्थान की ओर से अपने हिस्से का पानी मांगने पर हरियाणा ने फिर से वही पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। जून में तय शेयर से कम पानी मिलने पर राजस्थान ने जब हरियाणा पर दबाव बनाना शुरू किया तो हरियाणा ने अचानक शेयर कॉस्ट और नहरों के रखरखाव पेटे १३२ करोड़ की डिमांड राजस्थान सरकार को भेज दी है।
हरियाणा की ओर से भारी-भरकम राशि की मांग करने पर अब राजस्थान सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। जो इस बात की पुष्टि करेगी कि हरियाणा की मांग उचित है या अनुचित। कमेटी में शामिल अधिकारी हरियाणा की ओर से की गई डिमांड को लेकर मंथन करने में जुट गए हैं।
साथ ही हरियाणा को अब तक किए गए भुगतान आदि के दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं। जिससे हरियाणा की ओर से भेजे गए डिमांड को लेकर उसका जवाब उसे सौंप सकें। जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता की निगरानी में गठित कमेटी में एसई नोहर, एसई भादरा, एक्ईएन नोहर, एक्सईएन खंड द्वितीय, एक्सईएन भादरा, अकाउंट ऑफिसर हनुमानगढ़ आदि को शामिल किया गया है। इस कमेटी में शामिल स्थानीय कार्यालय के दस्तावेजों को जांचने के साथ ही हरियाणा के मुख्य अभियंता कार्यालय में जाकर भी जांच करेंगे। इसके बाद ही भुगतान किया जाएगा।
इसलिए इतनी बड़ी डिमांड
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तकनीकी समिति की बैठक में जून में हरियाणा के माध्यम से राजस्थान के लिए सतलुज का पानी ८५० क्यूसेक सिद्धमुख नोहर सिंचाई परियोजना व अमर सिंह सब ब्रांच प्रणाली के लिए निर्धारित किया गया था। इसमें १९ से ३० जून २०२० तक निर्धारित ८५० क्यूसेक की तुलना में औसतन ४३५ क्यूसेक पानी ही राजस्थान को प्राप्त हुआ। पूरा पानी लेने को लेकर राजस्थान ने जब हरियाणा पर दबाव बनाना शुरू किया तो हरियाणा ने १३२ करोड़ की डिमांड राजस्थान को भेज दी है। यह डिमांड २००२ से बकाया होना बताया जा रहा है।
अपनी जरूरत करते पूरी
हरियाणा की ओर से राजस्थान को तय शेयर के अनुसार पानी मिलने में हमेशा से दिक्कत आती रही है। बिजाई के वक्त हरियाणा पहले खुद की मांग पूरा करता है। इसके बाद जब हरियाणा की मांग ूपूरी हो जाती है और राजस्थान के आसपास भी बारिश हो जाती है तो हरियाणा सर प्लस पानी भी राजस्थान की नहरों में छोड़ देता है। जिसकी जरूरत राजस्थान को होती ही नहीं है।
दिनांक निर्धारित शेयर प्राप्त हुआ
१९ जून ८५० ४४६
२० जून ८५० ३८१
२१ जून ८५० ४७१
२२ जून ८५० ३४४
२३ जून ८५० ४०६
२४ जून ८५० ३४६
२५ जून ८५० ३०१
२६ जून ८५० ३७७
२७ जून ८५० ५५१
२८ जून ८५० ५६३
२९ जून ८५० ५१९
३० जून ८५० ५१०
(नोट: उक्त आंकड़े जून २०२० में बीबीएमबी की ओर से राजस्थान के निर्धारित शेयर और प्राप्त शेयर से संबंधित हैं।)
…….वर्जन….
असलियत जांचने को बनाई कमेटी
जून में निर्धारित शेयर की तुलना में हरियाणा की तरफ से राजस्थान को कम पानी मिला। चालू माह में पानी की स्थिति ठीक है। हरियाणा ने १३२ करोड़ की जो डिमांड भेजी है। उसकी असलियत जांचने को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है।
-विनोद मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़
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