रिकॉर्ड की यह स्थिति
चिकित्सा विभाग के अनुसार जिले में दो सौ से ज्यादा लैबोरेट्री, एक्स-रे सेन्टर, इमेजिंग सेन्टर आदि संचालित हैं। अब तक रजिस्ट्रीकरण एवं विनियम 2013 के तहत 45 संस्थानों ने दस्तावेज वगैरह जमा करवा दिए हैं। खास बात यह कि अब से पहले तक कभी भी एक दर्जन संस्थानों ने भी दस्तावेज जमा नहीं कराए थे। जबकि इसको लेकर चिकित्सा विभाग पूर्व में कई बार प्रयास कर चुका है।
कितना अर्थदंड तय
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि मापदंडों के अनुसार यदि कोई संस्थान जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करता है तो पहली बार दोष साबित होने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। जबकि दूसरी बार दो लाख रुपए का जुर्माना लगाकर संस्थान को बंद किया जा सकता है।
इनकी आवश्यकता
चिकित्सा विभाग के अनुसार जांच संस्थान भवन न्यूनतम 160 वर्ग फीट में एवं वहां फायर कंट्रोल सिस्टम लगा होना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र तथा संस्थान बायोवेस्ट मेडिकल से जुड़ा होना चाहिए। राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल से रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इन दस्तावेजों एवं मापदंडों की पूर्ति करने में ही जांच संस्थानों को जोर आ रहा है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार जांच संस्थान भवन न्यूनतम 160 वर्ग फीट में एवं वहां फायर कंट्रोल सिस्टम लगा होना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र तथा संस्थान बायोवेस्ट मेडिकल से जुड़ा होना चाहिए। राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल से रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इन दस्तावेजों एवं मापदंडों की पूर्ति करने में ही जांच संस्थानों को जोर आ रहा है।