खरीद में अब सीसीआई के नियम अड़ा रहे पेच, कपास की सरकारी खरीद में बढ़ रही उलझनें

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हनुमानगढ़. कपास की सरकारी खरीद को जैसे ग्रहण लग गया हो। नित नई अड़चनों से खरीद की प्रक्रिया लगातार प्रभावित हो रही है।
 

<p>खरीद में अब सीसीआई के नियम अड़ा रहे पेच, कपास की सरकारी खरीद में बढ़ रही उलझनें</p>
खरीद में अब सीसीआई के नियम अड़ा रहे पेच, कपास की सरकारी खरीद में बढ़ रही उलझनें
पल्ली तौल खत्म करने के निर्णय से तौला मजदूरों में रोष
हनुमानगढ़. कपास की सरकारी खरीद को जैसे ग्रहण लग गया हो। नित नई अड़चनों से खरीद की प्रक्रिया लगातार प्रभावित हो रही है। गिरदावरी के बाद पल्ली तौल संबंधी आदेश जारी होने के कारण अब जिले में कपास की सरकारी खरीद बाधित हो रही है। स्थिति यह है कि सीसीआई की ओर से पल्ली तौल की जगह धर्मकांटे पर कपास की तौल करवाने का निर्देश जारी कर दिया गया है। बिना धर्मकांटे की तौलाई वाले कपास का भुगतान मंजूर नहीं करने को लेकर निर्देश जारी होने के बाद तौला धानका मजदूर यूनियन में रोष है। इसके कारण मंगलवार को जिले की मंडियों में तौला मजदूरों ने हड़ताल कर दी। इससे जिले की मंडियों में किसी भी कृषि जिंस की खरीद नहीं हो सकी। कृषि विपणन विभाग के उप निदेशक सुभाष सहारण, मंडी समिति सचिव सीएल वर्मा व सीसीआई के अधिकारी आंदोलन कर रहे तौला मजदूरों के साथ वार्ता करने को पहुंचे।
इसमें अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्द पल्ली तौल के संबंध में सीसीआई की ओर से संशोधित आदेश जारी करवा दिया जाएगा। लेकिन तौला मजदूर लिखित में आदेश मिलने तक आंदोलन जारी रखने की जिद पर अड़े रहे। इससे पहले धानका तौला मजदूर यूनियन हनुमानगढ़ जंक्शन की ओर से मंगलवार को काम बंद कर कृषि उपज मंडी समिति के समक्ष प्रदर्शन किया। मंडी यार्ड में पल्ली तौल के संबंध में सचिव को अध्यक्ष दर्शन लाल व मजदूर नेता सतपाल दामड़ी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि खरीफ की फसल में नरमा की आवक भरपूर मात्रा में शुरू हो गई है। सीसीआई सरकारी खरीद भी कर रही है। लेकिन तौलाई व धानका मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही है। मजदूरों ने मांग की है कि कपास मंडी यार्ड में ही तौलाई करवाई जाए। मंडी के हिसाब से मजदूर को मजदूरी दी जाए। मजदूरों ने चेतावनी दी है कि अगर धर्मकांटा प्रथा बंद कर मंडी यार्ड में पल्ली तुलाई शुरू नहीं हुई तो मजदूर आंदोलन उग्र करेंगे। इस मौके पर पवन लुगरिया, सुभाष पूनियां, सुभाष सेतिया, रमेश डाबला, सूरजभान, वेद प्रकाश, जगदीश मोर्या, गोलूराम, पालाराम डाबला आदि मौजूद रहे।
इसलिए बढ़ा विवाद
तीन दिन पहले केंद्रीय कपास निगम लिमिटेड के सहायक महाप्रबंधक ने आदेश जारी कर सभी अनुबंधित जिनिंग फैक्ट्रियों को सचेत कर दिया कि वह धर्मकांटे से ही कपास की तौलाई करें। पल्ली तौलाई के जरिए खरीद करने संबंधी बिल का भुगतान नहीं करने का निर्देश जारी करने के बाद से तौला मजदूरों में रोष है। कलक्टर जाकिर हुसैन ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए मामला शांत करने को लेकर सीसीआई अधिकारियों से पत्राचार शुरू कर दिया है।
कपास की सरकारी खरीद पर नजर
मंडी खरीद मात्रा
जंक्शन ३५११.९८
टाउन ५४७०.५१
गोलूवाला ३१०९.८७
पीलीबंगा ७३१६.९५
संगरिया २३९५.६०
रावतसर ३३१७.३९
नोहर ९४४.९४
भादरा १४७.४०
(नोट: उक्त आंकड़े जिले की मंडियों में १९ अक्टूबर २०२० को हुई कपास की सरकारी खरीद के हैं। खरीद मात्रा को क्विंटल में समझें।)
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