सड़क पर जाकर ले लेंगे पानी
बैठक में रेग्यूलेशन कमेटी सदस्य नूरनबी भाटी ने विभाग की ओर से प्रस्तावित रेग्यूलेशन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी बैठक में हमारी मांग के अनुसार रेग्यूलेशन तैयार कर लेते हैं तो ठीक है, नहीं तो हमें सड़क पर जाकर पानी लेना भी बखूबी आता है। सदस्यों की मांग थी कि पूरे सीजन में नहर में १२०० क्यूसेक पानी चले। किसान प्रतिनिधियों का कहना था कि अभी बीबीएमबी चैयरमेन भी राजस्थान से हैं। ऐसे में राजस्थान से संबंधित समस्याओं का निस्तारण करने के लिए सबको गंभीर होना चाहिए।
बैठक में रेग्यूलेशन कमेटी सदस्य नूरनबी भाटी ने विभाग की ओर से प्रस्तावित रेग्यूलेशन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी बैठक में हमारी मांग के अनुसार रेग्यूलेशन तैयार कर लेते हैं तो ठीक है, नहीं तो हमें सड़क पर जाकर पानी लेना भी बखूबी आता है। सदस्यों की मांग थी कि पूरे सीजन में नहर में १२०० क्यूसेक पानी चले। किसान प्रतिनिधियों का कहना था कि अभी बीबीएमबी चैयरमेन भी राजस्थान से हैं। ऐसे में राजस्थान से संबंधित समस्याओं का निस्तारण करने के लिए सबको गंभीर होना चाहिए।
एक सप्ताह में भेजेंगे प्रस्ताव
जैसे ही रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक शुरू हुई, किसान नेता ओम जांगू ने विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि गत बैठक में मोती राम कमेटी की सिफारिश लागू करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों ेेने मनमर्जी करते हुए बैठक बिंदु में भी इसे शामिल नहीं किया। फिर सरकार को प्रस्ताव भिजवाना तो दूर की बात है। काफी समझाइश पर अधीक्षण अभियंता देवीसिंह बेनीवाल ने एक सप्ताह के भीतर उक्त प्रस्ताव को सरकार को भिजवाने की बात कही। इसके बाद सभी सदस्य शांत हुए।
जैसे ही रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक शुरू हुई, किसान नेता ओम जांगू ने विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि गत बैठक में मोती राम कमेटी की सिफारिश लागू करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों ेेने मनमर्जी करते हुए बैठक बिंदु में भी इसे शामिल नहीं किया। फिर सरकार को प्रस्ताव भिजवाना तो दूर की बात है। काफी समझाइश पर अधीक्षण अभियंता देवीसिंह बेनीवाल ने एक सप्ताह के भीतर उक्त प्रस्ताव को सरकार को भिजवाने की बात कही। इसके बाद सभी सदस्य शांत हुए।
इस प्रस्ताव को किया खारिज
रबी फसल २०२०-२१ के लिए जल संसाधन विभाग ने जो प्रस्ताव बनाया था उसमें २१ सितम्बर से २७ दिसम्बर तक १२०० क्यूसेक प्रवाहित करना प्रस्तावित था। इसके बाद २७ दिसम्बर २०२० से नौ मार्च २०२१ तक ८५० क्यूसेक व नौ मार्च से २५ मार्च तक १२०० क्यूसेक व २५ मार्च से १८ अप्रेल तक पेयजल के लिए २०० क्यूसेक पानी चलाने का सुझाव दिया गया था। इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने सिरे खारिज कर दिया।
रबी फसल २०२०-२१ के लिए जल संसाधन विभाग ने जो प्रस्ताव बनाया था उसमें २१ सितम्बर से २७ दिसम्बर तक १२०० क्यूसेक प्रवाहित करना प्रस्तावित था। इसके बाद २७ दिसम्बर २०२० से नौ मार्च २०२१ तक ८५० क्यूसेक व नौ मार्च से २५ मार्च तक १२०० क्यूसेक व २५ मार्च से १८ अप्रेल तक पेयजल के लिए २०० क्यूसेक पानी चलाने का सुझाव दिया गया था। इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने सिरे खारिज कर दिया।