ग्वालियर के एक निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, अगर सिंधिया को कोराना फैलाने, बड़ा जुलुस निकालने, लोगों को दर्शन देने की परमिशन मिली है। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं, हमें आपत्ति भाजपा सरकार के दोहरे मापदंड से है। उन्होंने कहा कि, आपको जुलुस निकलना है, रैली निकालनी है, अपना महिमामंडन कराना है, तो परमिशन है? लेकिन, धार्मिक कार्यक्रमों के लिए परमिशन नहीं। वर्मा ने कहा कि, जब सिंधिया को परमिशन है, तो गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ के 400 वर्ष से लगातार चले आ रहे जुलुस को परमिशन क्यों नहीं?
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मोहन भागवत पर साधा निशाना
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अध्यक्ष मोहन भागवत पर हमला बोलते हुए वर्मा ने कहा कि, भागवत कहते हैं, कि हम राजनीतिक दल नहीं, लेकिन फिर भी वो भाजपा के सबसे बड़े वकील के रूप में काम करते हैं। चुनाव आते हैं और भाजपा-आरएसएस के एजेंडे लागू हो जाते हैं। देश में हिंदुओं को डराया जाता है, कि मुसलमानो की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि, महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू को धन्यवाद है, जिन्होंने उस समय की परिस्थितियों को भांपते हुए दो टुकड़े किये।
सज्जन वर्मा का हमला
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कल ग्वालियर में शासकीय तंत्र की नंगी नौटंकी देखेंगे। उन्होंने ट्रांसपॉर्ट कमिश्नर, आरटीओ को निर्देश दे दिए गए हैं कि, जितनी बसें कार्यकर्ताओं को लगें, उसकी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि, कोरोना काल में हजारों लोग मर गए, तब कहां थे सिंधिया जी? बाढ़ की आपदा में कहां थे? अब तक सिर्फ 2 फीसदी लोगों को ही मुआवजा मिला है। उन्होंने हमेशा पीढ़ियों के संबंध की दुहाई दी, लेकिन इतिहास गवाह है कि, सिंधिया परिवार ने गलतियां दोहराई हैं। रानी लक्ष्मी बाई से लेकर, कांग्रेस के समय तक। उन्होंने कहा कि, 2018 में शिवराज को नकार दिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी नकार दिया। ये नकारे हुए लोग अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।
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