दो दिन में लागू होने वाली है नई ड्रोन पॉलिसी, पांच सेकंड में मिलेगा लाइसेंस या रिजेक्शन

new drone policy 2021: नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई ड्रोन पॉलिसी की जानकारी…।

ग्वालियर। आने वाले दो दिन में पूरे देश में नई ड्रोन पॉलिसी लागू होगी। किसी ने सपना नहीं देखा था कि इतनी विस्तृत ड्रोन पॉलिसी को लागू की जा रही है। नैनो और मध्यम ड्रोन के लिए कोई स्वीकृति नहीं लेनी होगी। आने वाले दो दिन में पूरे देश के लिए ड्रोन के लिए एयर स्पेस खुलेगा। इसके लिए जो पॉलिसी बनी है, उसके अनुसार लाल रेखांकित क्षेत्र में ड्रोन नहीं उड़ा सकते हैं। पीले रेखांकित क्षेत्र जहां स्वीकृति के साथ और हरे रेखांकित क्षेत्र बिना स्वीकृति के साथ ड्रोन उड़ाए जा सकेंगे। डिजिटल स्काई प्लेटफार्म से कोई भी ड्रोन पायलट इसके लिए आवेदन कर सकेगा। आवेदन पर पांच सेकंड में अनुमति या रिजेक्शन मिल सकेगा।

यह जानकारी केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya m scindia) ने दी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तेलंगाना में हमने दवाइयों को हमने ड्रोन से भिजवाया। वैक्सीन जहां लैंड कराया वहां से नर्स, डॉक्टर ने लोगों को तुरंत लगाया। इसी तरह से दूरदराज के इलाकों में सामान भिजवाया जा सकता है। ड्रोन पॉलिसी पूरे देश की आर्थिक विकास को गति देगा। दसवीं क्लास के विद्यार्थी को भी 15 दिन में डीजीसीए से लाइसेंस मिल सकता है।

 

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सिंधिया (Minister of Civil Aviation) ने बताया कि प्रदेश में नई क्रांति नागर विमानन में लाने के लिए कोशिश की जा रही है। देश के अनेक शहरों के साथ प्रदेश को जोड़ने की कोशिश की बीते 70 दिन में की है। इससे प्रगति की जानकारी लोगों को नहीं होती, मंत्रालय मिलने से पहले मुझे भी नहीं थी।

मंत्रालय मिलने के बाद यह पता चला कि आर्थिक प्रगति में यह मुख्य है। इसी सोच के साथ हम काम कर रहे हें। वोकल फॉर लोकल और वोकल फॉर ग्लोबल पर काम कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किया जा रहा है। आर्थिक रूप से मल्टीप्लायर साढे तीन गुना ओर रोजगार के क्षेत्र में छह गुना होता है। विमानन आर्थिक विकास का मुख्य अंग बन चुका है। वोकल फॉर लोकर और लोकर फॉर ग्लोबल की नीति पर हम काम कर रहे हैं।

 

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70 वर्ष में देश में 75 हवाई अड्डे थे और प्रधानमंत्री मोदी की के कार्यकाल में 61 नए हवाई अड्डे बने हैं। इंदौर में मेरे मंत्री बनने के पहले 145 सेवाएं थीं और अब इंदौर में 364 सेवाएं प्रति हफ्ते होती हैं। 70 दिन में 17 शहरों के साथ जुड़ गया है। भोपाल में 120 थी और अब 142 फ्लाइट हो चुकी हैं। जबलपुर में पहले 96 सेवाएं थीं और अब 134 सेवाएं हैं। जबलपुर 8 शहरों से जुड़ सका है। ग्वालियर में जहां 56 सेवाएं थीं और अब 114 फ्लाइट आती हैं। दस शहरों से जुड़ गया है। खजुराहों को भी अक्टूबर में दिल्ली से जोड जाएगा। 820 फ्लाइट हैं। जबलपुर 412 करोड़ रुपए का काम हो रहा है रन वे बन रहा है।

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