नवरात्र ग्वालियर व ग्वालियर राज घराने के लिए बहुत खास है। कम्पू क्षेत्र के कैंसर पहाड़ी पर बना यह भव्य मंदिर स्थापत्य की दृष्टि से खास है। यह मंदिर सिंधिया राजवंश की कुलदेवी भी हैं। नवरात्र 2021 के मौके पर patrika.com आप को बता रहा है मध्यप्रदेश के प्रमुख देवी मंदिरों के बारे में…
ऐसा बताया जाता है कि ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक जयाजीराव सिंधिया द्वारा 135 वर्ष पूर्व स्थापित कराया गया श्री महाकाली देवी का मंदिर, जिसे वर्तमान में मांढरेवाली माता के नाम से जाना जाता है। मंदिर में विराजमान अष्टभुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां महाकाली की प्रतिमा अद्भुत और दिव्य है।
ये भी पढ़ें- गुरुद्वारा में मत्था टेककर भावुक हो गए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
सिंधिया परिवार की कुलदेवी
अष्टभुजा वाली महाकाली मैया सिंधिया राजवंश की कुल देवी हैं। इस वंश के लोग जब भी कोई नया करते हैं तो मंदिर पर मत्था टेकने जरूर आते हैं। मांढ़रे वाली माता मंदिर में करीब 13 बीघा में फैला हुआ है। बताया जाता है कि यह भूमि सिंधिया राजवंश ने दी थी। इसकी देखरेख व जरूरत को आज भी सिंधिया परिवार करता है। यहां दूर-दराज से भी लोग दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
ये भी पढ़ें- 24 घंटे चल रहे 7 लंगर, हर घंटे बनाई जा रहीं ढाई हजार रोटियां
मंदिर व जयविलास पैलेस का मुख आमने-सामने
सिंधिया परिवार से जुड़े लोग बताते हैं कि मंदिर व जयविलास पैलेस का मुख आमने-सामने है। पैलेस से एक बड़ी दूरबीन के माध्यम से माता के दर्शन प्रतिदिन सिंधिया शासक किया करते थे। लोग बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण महाराजा जयाजीराव सिंधिया की फौज के कर्नल आनंदराव मांढरे के कहने पर तत्कालीन सिंधिया शासक ने कराया था।
देखें वीडियो- इस तरह करेंगे मां दुर्गा की पूजा तो मिलेगा पूरे नौ दिनों का फल