मौसम बदलते ही बच्चों में बढ़े खांसी, जुकाम और डायरिया के केस

इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है। दिन में तेज धूप मौसम को गर्म कर रही है तो वहीं रात में फिलहाल ठंडी ही है। इसका सीदा असर लोगों के स्वास्थ्य पर…

<p>मौसम बदलते ही बच्चों में बढ़े खांसी, जुकाम और डायरिया के केस</p>
ग्वालियर. इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है। दिन में तेज धूप मौसम को गर्म कर रही है तो वहीं रात में फिलहाल ठंडी ही है। इसका सीदा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंडक से मौसम पूरी तरह से बदल चुका है। मौसम में आए इतने बदलाव के चलते अब हालात यह हो गए हैं कि ओपीडी के साथ डॉक्टरों के क्लीनिकों पर बच्चों की भीड़ हो गई है। बच्चों में इस समय सबसे ज्यादा गले में खरास के साथ खांसी, जुखाम और डायरिया के साथ वायरल ज्यादा आ रहा है। इसका असर अस्पतालों की ओपीडी में देखने को मिल रहा है। ओपीडी में बच्चों की संख्या लगभग 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है।

कोरोना का भी सताने लगता है डर
छोटे बच्चों में बुखार आने के साथ खांसी होने से लोगों को कोरोना का भी डर सताने लगता है। इसके चलते पहले लोग अपने स्तर पर ही घर पर इलाज करना पसंद करते हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अगर ज्यादा बीमार हो तो तुरंत डॉक्टर की ही सलाह लें। इससे समय रहते बच्चों को इलाज मिल पाएगा।

बच्चों में डायरिया की समस्या बढ़ी
इन दिनों बच्चों में सबसे ज्यादा डायरिया हो रहा है। खासतौर से डायरिया छोटे बच्चों में ज्यादा हो रहा है। बच्चों के माता- पिता घर पर ही दवाएं कराते रहते हैं, जिससे बुखार बिगड़ जाता है और डायरिया बन जाता है।

ऐसे करें बचाव
– ठंडा पानी पीने से बचे। जहां तक हो पानी को उबालकर ही पीएं।
– बच्चों को फुल कपड़े पहनाएं।
– रात में जहां तक हो मच्छरदानी का उपयोग करें।
– बच्चों में सर्दी, खांसी या अन्य लक्षण होने पर उनको परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें।
– बच्चों को खट्टे फल न खिलाएं।
– बाहर का खाना खाने से बचें।
– खाना खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से हाथ धोएं।

इनका कहना है
मौसम में बदलाव आने के साथ ही सबसे ज्यादा बच्चों को बचाव करने की जरूरत है। बच्चों के माता-पिता को इस समय संभलकर रहकर बच्चों पर नजर रखनी है। अगर बच्चों को गंभीर लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
डॉ. घनश्याम दास प्रोफेसर बाल रोग विभाग
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