मरने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा है कोरोना का भूत

( Assam News )कोरोना का खौफ ( Terror of Corona ) जहां जीते-जी पीछा नहीं छोड़ रहा, वहीं मरने के बाद भी चैन नहीं लेने दे रहा है। ( Family facing problem in last rituals )यदि कोरोना से मौत हो गई तो अंतिम संस्कार भी करना ( Assam Government gave direction ) आसान नहीं है। असम सरकार कुछ इस तरह की ही सामाजिक परेशानी से जूझ रही है।

<p>मरने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा है कोरोना का भूत</p>

गुवाहाटी(असम)राजीव कुमार: ( Assam News )कोरोना का खौफ ( Terror of Corona ) जहां जीते-जी पीछा नहीं छोड़ रहा, वहीं मरने के बाद भी चैन नहीं लेने दे रहा है। इस संक्रामक रोग की चपेट में आने वाले लोगों और उनके परिजनों को दोहरी मुसीबतों का ( Family facing problem in last rituals ) सामना करना पड़ रहा है। रोग की चपेट मे आने से सामाजिक तिरस्कार और यदि कोरोना से मौत हो गई तो अंतिम संस्कार भी करना ( Assam Government gave direction ) आसान नहीं है। इस रोग से मरने वालों को दफनाने और श्मशान में दाह संस्कार करने के लिए भी आसानी से स्थान नहीं मिल रह है। असम सरकार कुछ इस तरह की ही सामाजिक परेशानी से जूझ रही है।

अंतिम संस्कार में आ रही समस्या
असम सरकार ने कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में आ रही समस्या के मद्देनजर राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को अलग से श्मशान और कब्रिस्तान तलाशने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना मृतकों के लिए भीड़भाड़ से दूर ऐसे स्थान तलाशे जाए जहां उनके परिजनों को किसी तरह के विरोध की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। असम के हैलाकांदी में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने मृतक के परिजनों को दूर से ही उसके आखिर दर्शन कराए। विभाग के कर्मचारी उसे भूतनाथ श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए ले गए। श्मशान कमेटी ने कोरोना मृतक का दाह संस्कार कराने का विरोध किया।

सरकार ने दिए निर्देश
बाध्य होकर प्रशासन के लोग शव को गाड़ी में जिला उपायुक्त के कार्यालय के बाहर ले आए।फिर वहां से उलूबाड़ी श्मशान में लाकर अंतिम संस्कार किया। इसी तरह पिछले सप्ताह भी एक महिला की मृत्यु के बाद दफनाने में परेशानी आई थी। मृतका के पति को अस्पताल और पुलिस प्रशासन से लिखवा कर लाना कि उसकी मृत्यु कोरोना से नहीं हुई है, तब कहीं जाकर उसे दफनाने दिया गया। कब्रिस्तान में भी कब्र खोदने वाले आसानी से नहीं मिल रहे हैं। इन सूचनाओं के बाद ही राज्य सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को आबादी क्षेत्र से दूर उपर्युक्त स्थान तलाशने के निर्देश दिए हैं।

पूर्वोत्तर में परेशानी
असम के अलावा पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों में भी मृतकों के परिजनों को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहां भी परंपरागत स्थानों पर अंतिम संस्कार करने का विरोध हो रहा है। मेघालय में भी प्रशासन को एक चिकित्सक की मौत के बाद ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा था। प्रशासन ने जैसे-तैसे लोगों को समझा-बुझा कर उसका अंतिम संस्कार कराया।

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