दास ने आगे कहा कि विदेशी लोगों को केरल, मुंबई और दिल्ली में रोजगार मिल गया है। इस विषय को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है। विदेश से आए अल्पसंख्यकों को शरणार्थियों का दर्जा पार्टी देने की पक्षधर है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को शरणार्थी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव लिया गया है।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि भारतीयों के नाम एनआरसी में शामिल हों और विदेशियों के नाम इसमें न आए,इसके लिए भाजपा प्रयास करेगी। एनआरसी के अंतिम प्रारुप में भाजपा के अनेक नेता व कर्मियों के नाम नहीं आए हैं। दास ने कहा कि हम आशावादी थे कि एनआरसी के अंतिम प्रारुप में गोरखा, भारतीय बांग्लाभाषी और हिंदीभाषियों के नाम नहीं छूटेंगे। लेकिन एनआरसी के अंतिम प्रारुप के विश्लेषण के बाद हमारी आशा निराशा में बदल गई। लाखों गोरखा, बांग्लाभाषी और हिंदीभाषी के नाम शामिल नहीं हुए।