चीन से आई बीमारी की कीमत चुका रहा असम, 12 हजार सुअरों को मारने का निर्णय

(Assam News ) चीन की बेजा हरकतों (China’s antics) की कीमत असम राज्य (Assam is paying cost ) चुका रहा है। चीन से आए अफ्रीकी स्वाइन बुखार (एएसएफ) ने इस प्रदेश में तांडव मचा दिया है। असम सरकार ने सुअरों (ASF ) में इस संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए 12 हजार सुअरों को मारने (12 k pigs will killed) के आदेश दिए हैं। पहले ही मर चुके 18,000 सूअरों के मालिकों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है।

<p>चीन से आई बीमारी की कीमत चुका रहा असम, 12 हजार सुअरों को मारने का निर्णय</p>

गुवहाटी(असम): (Assam News ) चीन की बेजा हरकतों (China’s antics) की कीमत असम राज्य (Assam is paying cost ) चुका रहा है। चीन से आए अफ्रीकी स्वाइन बुखार (एएसएफ) ने इस प्रदेश में तांडव मचा दिया है। असम सरकार ने सुअरों (ASF ) में इस संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए 12 हजार सुअरों को मारने (12 k pigs will killed) के आदेश दिए हैं। पहले से ही कोरोना संक्रमण से जूझ रही असम सरकार के लिए यह नई चुनौती आ गई है।

असम में 30 लाख शूकर
राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो अब बढ़कर 30 लाख हो गई है। इस बीमारी का पता पहली बार राज्य में इस साल फरवरी के अंत में चला था। लेकिन इसकी शुरुआत अप्रैल 2019 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे चीन के शिजांग प्रांत से हुई थी। यहां नदी में बहाए हुए संक्रमित सुअरों से यह रोग स्वस्थ सुअरों में फैल गया।

14 जिलों मेें सर्वाधिक प्रकोप
सूअरों को मारने का काम 14 प्रभावित जिलों में रोग से बुरी तरह प्रभावित 30 क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में किया जाएगा और यह काम तुरंत शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनवाल ने ”विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निदेर्शों के और विशेषज्ञों की राय के अनुरूप सभी प्रभावित जिलों में संक्रमित सूअरों को मारने का काम दुर्गा पूजा से पहले पूरा किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस बीमारी से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई राज्य सरकार करेगी। चिन्हित किए गए जिन 12 हजार सुअरों को मारा जाएगा, उनके मालिकों को मुआवजा राशि उनके बैंक खातों में जमा करा दी जाएगी।

१८ हजार शूकर पहले ही मर चुके
केंद्र ने पहले ही मुआवजे की पहली किस्त जारी कर दी है और राज्य सरकार महामारी से निपटने के उपायों के लिए राशि सहित मुआवजे का हिस्सा जल्द जमा करेगी। पहले ही मर चुके 18,000 सूअरों के मालिकों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है। बैठक में असम में देश के विभिन्न हिस्सों से सूअरों की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई। स्वाइन बुखार के प्रकोप के बाद, केंद्र सरकार के निदेर्शों के अनुसार राज्य के बाहर से सूअरों की आपूर्ति रोक दी गई थी।

केन्या से विश्व में फैली
अफ्रीकी सूअर बुखार (एएसएफ) की खोज 1921 में मोंटगोमरी ने केन्या में की थी, जो हाल ही में आयातित यूरोपीय सूअरों में उच्च मृत्यु दर पैदा करने वाली एक नई बीमारी है। अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर एएसएफ की पहली घटना 1957 में पुर्तगाल में, लिस्बन के पास हुई, जहां एक एएसएफ प्रकोप के कारण लगभग 100 सुअरों की मृत्यु हो गई। तीन साल बाद, 1960 में, एक महामारी विज्ञान चुप्पी के बाद, एएसएफ पुर्तगाल में फिर से प्रकट हुआ, तेजी से पूरे इबेरियन प्रायद्वीप में फैल गया।

युरोप-अमरीका तक फैल गई
इबेरियन प्रायद्वीप में एएसएफ के इन वर्षों के दौरान, कई यूरोपीय और अमेरिकी देशों ने एएसएफ के प्रकोप का सामना किया, जो मुख्य रूप से दूषित मांस उत्पादों के कारण हुआ। हालांकि, इसके प्रकोप को सार्डिनिया द्वीप में छोड़कर मिटा दिया गया था, जहां यह बीमारी 1978 से ही स्थानिक है।

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