गुरदासपुर

राज्य में चल रही ‘कलमछोड़’ हड़ताल, जनता को मुँह चिढ़ा रहीं खाली कुर्सियां

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखजीत सिंह और महासचिव तेजिंदर सिंह बताते हैं कि पंजाब सरकार ने मुलाजिमों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है। इस कारण उनमें रोष बढ़ रहा है।

गुरदासपुरAug 20, 2020 / 03:01 pm

Bhanu Pratap

कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सूने पड़े दफ्तर।

चंडीगढ़। पंजाब के सरकारी कार्यालयों में कमकाज ठप है। कारण है कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इसका भी कारण है कि कई विभागों के कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला है।100 रुपये प्रतिमाह मिलने वाला मोबाइल भत्ता काट लिया है। नई भर्ती वाले कर्मचारियों का वेतनमान घटा दिया है। परिणाम यह है कि जनता भटक रही है। यहां तक कि पंजाब सचिवालय तक में कामकाज प्रभावित है।
छह अगस्त से काम प्रभावित

पंजाब में छह अगस्त से कमलछोड़ हड़ताल चल रही है। अब कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। लोग सरकारी दफ्तरों में पहुंचे तो खाली कुर्सियां देखकर हैरान रह गए। अधिकारी तो बैठे थे लेकिन जनता का काम करने वाले कर्मचारी गायब थे। खाली कुर्सियां जनता को मुंह चिढ़ाती नजर आईं। आज शाम को पंजाब सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच बातचीत होगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि समस्या का समाधान हो सकता है।
23 अगस्त तक कलम छोड़ हड़ताल

सरकारी विभागों में तैनात मुलाजिमों में पिछले लंबे समय से मांगें पूरी न होने से रोष है। इस संबंध में पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विसेज यूनियन के आह्वान पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने राज्य भर में कलम छोड़ हड़ताल का एलान किया गया है। इसके तहत 6 अगस्त से कलम छोड़ हड़ताल का दौर निरंतर जारी है। समय के साथ इसमें इजाफा किया जाता रहा है। शुरुआत में 6 से 14 अगस्त और फिर 18 अगस्त तक कलम छोड़कर हड़ताल का एलान कर चुके मुलाजिमों ने अब इसकी अवधि बढ़ाकर 23 अगस्त कर दी है। इसके साथ ही 19 से लेकर 21 अगस्त तक सामूहिक छुट्टी की घोषणा भी की थी। इसी के तहत वीरवार को लगातार दूसरे दिन सरकारी विभागों में कामकाज नहीं हो सका। अभी 23 अगस्त तक कलम छोड़ हड़ताल रहेगी।
वित्त मंत्री की घोषणा के बाद भी वेतन नहीं

इस बारे में ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखजीत सिंह और महासचिव तेजिंदर सिंह बताते हैं कि पंजाब सरकार ने मुलाजिमों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है। जिस कारण उनमें रोष बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो संघर्ष और तेज किया जा सकता है। तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, सिंचाई, उद्योग और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने रोष रैली का भी आयोजन किया। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने 29 नवंबर को घोषणा की थी कि सभी सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन जारी कर दिया जाएगा। हकीकतमें ऐसा हुआ नहीं। कर्मचारियों को मिलने वाला 100 रूपए का मोबाइल भत्ता भी काट लिया गया है। इससे क्या सरकार का खजाना भर सकता है।

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