रात भर लगे रहे लाइन में, नम्बर आया तो सर्वर हो गया डाउन, और खत्म हो गई खाद

-नानाखेड़ी डिपो पर किसानों ने किया हंगामा, पुलिस ने संभाला मोर्चा, उप संचालक कृषि ने समझाया किसानों को-उप संचालक कृषि पहुंचे मौके पर समझाया किसानों को, 60 फीसदी किसान डिफाïल्टर, कैसे मिले खाद

<p>रात भर लगे रहे लाइन में, नम्बर आया तो सर्वर हो गया डाउन, और खत्म हो गई खाद</p>
गुना। साहब मैं रात को 12 बजे आ गया था, यही सोया, खाना भी नहीं खाया, नम्बर आया तो सर्वर डाउन हो गया, दो घंटे से कर्मचारी सर्वर डाउन बता रहे हैं, अब कह रहे हैं कि खाद खत्म हो गया। जब खाद नहीं थी तो दो घंटे पहले यह बात क्यों नहीं कही। सर्वर डाउन का बहाना क्यों बनाया। यहां बैठे लोग पुलिस के साथ मिलकर ब्लैक में बेच रहे हैं। 18 और 20 तारीख की पर्ची वालों को खाद नहीं दे रहे, 23 और 25 तारीख वालों को खाद दे रहे हैं। यह आरोप था बमौरी से आए किसान मोहन का। ऐसा ही आरोप मोहन अकेले ने नहीं कई ने लगाए। खाद खत्म होने की बात सुनकर रात ओर सुबह से लगे किसान भड़क गए और उनकी पुलिस से भी तीखी झड़प हुई। अपशब्दों की जमकर बौछार हुई और काउन्टर खिड़की को जमकर हिलाया। चक्काजाम करने की रणनीति वहां आक्रोशित किसान बनाते रहे, कैंट पुलिस थाने की पुलिस ने किसानों को आक्रोशित देख मोर्चा संभाला, जिनको उप संचालक कृषि एके उपाध्याय ने मौके पर पहुंचकर समझाया, इसके बाद वहां हंगामा शांत हुआ।
60 फीसदी किसान डिफाल्टर
खेती को लाभ का धंधा तथा किसान की आय बढ़ाने के सरकारी दावे आज भी सिर्फ भाषणबाजी तक सीमित हैं। इसकी जमीनी हकीकत इन दिनों खाद के लिए भटकते व परेशान होते किसान हैं। शासन-प्रशासन की गलत नीतियों तथा प्रलोभनों में उलझकर जिले की सहकारी समितियों के 60 प्रतिशत किसान डिफाल्टर हो गए हैं। ऐसे में वे अपने क्षेत्र की सोसायटी से खाद लेने के लिए योग्य ही नही हैं। वहीं ज्यादातर किसानों के पास वर्तमान में इतने पैसे भी नहीं हैं कि वे जरुरत के मुताबिक नकद खाद खरीद पाएं। जिले में खाद वितरण करने वाली लाइसेंस निजी दुकानों की संख्या 5 से 7 ही है। वहीं डबल लॉक गोदामों पर खाद लेेने के लिए कितनी जद्दोजेहद करनी पड़ रही है, यह हर दिन सामने आ रही है। कुल मिलाकर किसानों के लिए रबी फसल की बोवनी के लिए अनुकूल मौसम होने के बावजूद कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस नुकसान को झेलने के बाद जैसे-जैसे किसान रबी की बोवनी की तैयारी में जुटा तो उसके समक्ष नकदी पैसे का अभाव तथा खाद का कत्रिम संकट खड़ा हो गया।
86 में से 40 को बनाया खाद वितरण केन्द्र
यहां बता दें कि प्रशासन ने हाल ही में खाद वितरण के दौरान आने वाली समस्याओं को देखते हुए वितरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने 86 सहकारी समितियों में से 40 को खाद वितरण केंद्र बनाया है। दावा किया जा रहा है कि इन केंद्रों पर खाद बंटने से यह समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत यह है कि इन सहकारी समितियों के 60 प्रतिशत खाताधारक किसान पुराना कर्ज न चुकाने की वजह से पहले ही डिफाल्टर हो चुके हैं यानि कि यह किसान इन समितियों से उधार खाद लेने के योग्य ही नहीं हैं। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि इन खाताधारकों में ऐसे किसान ज्यादा हैं जिनके पास वर्तमान में इतने नकद पैसे भी नहीं हैं कि वे रबी की बोवनी के लिए नकदी खाद-बीज खरीद पाएं।
लाइसेंसधारी निजी दुकानों पर बढ़ी भीड़
राज्य विपणन संघ के जो 7 डबल लॉक गोदाम हैं, जिन पर खाद वितरण हो रहा है। वहां की क्या स्थिति है यह किसी से छुपी नहीं है। जिले के 50 से 60 किमी दूर के किसान इन गोदामों पर रात-रात भर बिता रहे हैं। दिन में कई घंटों तक लाइन में खड़े होने के बाद भी एक कट्टा खाद नहीं मिल पा रहा है। वहीं जिले में लाइसेंसधारी निजी दुकानों की संख्या 5 से 7 ही है। इन दुकानों की हालत ये है कि वहां भी खाद के लिए भीड़ लग रही है। खाद की मनमानी कीमत भी निजी दुकानदार वसूल रहे हैं।
लगातार दो दिन की छुट्टी इसलिए शुक्रवार को मारामारी
शुक्रवार को जिले भर में जिन केंद्रों पर खाद वितरण हुआ, वहां किसानों की काफी ज्यादा भीड़ देखी गई। लाइन में लगने के दौरान किसानों के बीच कई बार कहासुनी तथा तीखी झड़पें भी हुईं। कुछ किसानों ने ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों पर ही खाद की कालाबाजारी करने का आरोप लगाया। सुबह के समय भी एक किसान से पुलिस की बहस हो गई थी।
पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप
नानाखेड़ी स्थित खाद की डिपो पर पहुंचे दो किसानों ने कैंट पुलिस थाने को एक आवेदन दिया जिसमें एसआई जगदीश जाटव पर मारपीट का आरोप लगाया। जबकि सच्चाई ये है कि वहां किसानों द्वारा लाइन में आगे लगने को लेकर एक-दूसरे से धक्का मुक्की तक की जा रही है।
इनका कहना है
शुक्रवार को जिले के सभी 7 डबल लॉक गोदाम तथा 20 से अधिक प्राथमिक सहकारी समितियों पर खाद वितरित किया गया। शेष समितियों पर खाद पहुंचाया जा रहा है। वर्तमान में 2400 मैट्रिक टन खाद उपलब्ध है। वहीं अंतिम अक्टूबर तक 3 हजार टन की जरूरत है। रबी की बोवनी में अभी समय है इसलिए किसानों को घबराने और डीएपी के पीछे भागने की ज्यादा जरूरत नहीं है। यदि डीएपी मिलने में ज्यादा परेशानी है तो एनपीके व एसएसपी खाद का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
अशोक उपाध्याय, डिप्टी डायरेक्टर
कृषि विभाग गुना

पुलिस और तहसीलदार की निगरानी में बंट रहा है खाद
आरोन की किसी भी सहकारी समिति ने नहीं किया खाद का उठाव इसलिए गोदाम में बढ़ी भीड़
आरोन . नगर में पुरानी मंडी स्थित विपणन संघ गोदाम आरोन से खाद का वितरण किया जा रहा है। इस बार समितियों ने नकदी विक्रय के लिए खाद का उठाव नहीं किया है। ऐसे में किसान गोदामों से नकदी खाद खरीद रहे हैं। जिन गोदामों पर वितरण हो रहा है वहां किसानों की काफी लंबी लाइन लग रही है। अल सुबह से ही किसान खाद लेने वितरण केंद्र पर पहुंच जाते हैं। यहां खाद लेने वालों में पड़ौसी जिलों के किसान भी हैं। गोदाम प्रबंधक तेज नारायण शर्मा ने बताया कि एक अक्टूबर 2021 से आज तक किसानों को ऑनलाइन पीओएस मशीन द्वारा डीएपी का विक्रय 700 टन तथा यूरिया विक्रय नगदी 400 टन किया जा चुका है। आरोन तहसील की किसी भी सहकारी समिति द्वारा उठाव नहीं किया गया है। इस कारण भी गोदाम पर किसानों की भीड़ अधिक लग रही है। जहां विदिशा, अशोकनगर जिले सहित गुना जिले की सीमा से लगे गांवों के किसान भी आ रहे हैं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.