एक खिड़की से चल रहा था काम, होमगार्ड सैनिकों की नहीं हो पाई जांच

कोरोना से घबरा, जांच कराने पहुंची भीड़-एक खिड़की से चल रहा था काम, अंदर बैठे कर्मचारी चला रहे थे मोबाइल, ये है व्यवस्थाएं जिला अस्पताल की

<p>एक खिड़की से चल रहा था काम, होमगार्ड सैनिकों की नहीं हो पाई जांच</p>
गुना। कोरोना से हो रही मौतों को लेकर गुना वासी चिंतित हैं, इससे घबड़ाकर गुना के लोग कोरोना की जांच कराने जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन उनकी जांच ही नहीं हो पा रही है, इसकी साफ वजह ये है कि जांच किट का पर्याप्त न होना। इसको लेकर विवाद भी होते देखा गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी कितने गंभीर हैं इसका नजारा रविवार को सुबह उस समय देखने को मिला जब फीवर क्लीनिक पर कोरोना की जांच कराने के लिए भीड़ लगी हुई थी, लंबी लाइनों में लगकर लोग अपना-अपना नम्बर आने का इंतजार कर रहे थे। केवल एक ही खिड़की खोल रखी थी, जिस पर पंजीयन का काम चल रहा था। बाकी खिड़कियां बंद थीं और वहां ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी मोबाइल चलाने में व्यस्त थे। दोपहर में तो यह स्थिति देखी गई कि दमोह चुनाव ड्यूटी से लौटकर आए होमगार्ड सैनिक कोरोना की जांच कराने के लिए वहां काफी देर इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी जांच नहीं हो सकी। उन्हें भी निराश होकर लौटना पड़ा।
समय: सुबह नौ बजे
स्थान: जिला अस्पताल फीवर क्लीनिक
दृश्य: सुबह के नौ बजे करीब पत्रिका टीम जब जिला अस्पताल पहुंची तो मुख्य द्वार पर साइकिल स्टेण्ड ठेकेदार अंदर जाने वाले वाहनों को बगैर शुल्क के नहीं जाने दे रहा था। अंदर जाकर देखा तो जिला अस्पताल में बने फीवर क्लीनिक पर कोरोना की जांच के लिए पचास से अधिक लोग लाइन में लगे हैं। इस समय एक ही खिड़की खुली है, जबकि दो अन्य खिड़कियां हैं, वह बंद हैं। खिड़की पर बैठा कर्मी अंदर मोबाइल चला रहे अपने ही स्टॉफ के लोगों से बातचीत भी कर रहा है और खिड़की के बाहर कोरोना की जांच कराने आए लोगों से जानकारी भी ले रहा है। जब यहां मौजूद कुछ लोगों ने अंदर काम कर रहे लोगों से दूसरी खिड़की पर यह काम कराने को कहा, उसने कहा एक पर ही होगा काम। यहां न तो सोशल डिस्टेंस दिखाई दे रहा था और न ही चेहरे पर मास्क ।
समय: सुबह साढ़े नौ बजे
स्थान- जिला अस्पताल का फीवर क्लीनिक
ृदृश्य- यहां फीवर क्लीनिक में सौ से अधिक लोग अपनी कोविड जांच कराने पहुंचे तो वहां थर्मल स्क्रीनिंग की एवं ऑक्सीजन की जांच लाइन में जगह की इतनी कमी थी कि लोग एक-दूसरे को धकिया रहे थे, यहां सोशल डिस्टेंस पूरी तरह गायब था।

निराश होकर लौटे लोग
कोरोना की जांच के लिए पहुंचे लोगों से जब पत्रिका ने पूछा कि आप क्यों लौटकर जा रहे हो, इस पर उनका कहना था कि लंबी लाइन में लगने के बाद जब नम्बर आया तो उन्हें बताया गया कि पंजीयन कराने के लिए आधार कार्ड लाना होगा।
सच्चाई जानी
जब यहां कोरोना की जांच के मामले में वस्तु स्थिति जिला अस्पताल में मौजूद एक अधिकारी से पूछा गया तो उसने बताया कि कोरोना तेजी से फैल रहा है, कोरोना आउट ऑफ कन्ट्रोल हो रहा है। कलेक्टर साहब डेली यहां मीटिंग लेकर व्यवस्थाओं का सुधारने पर जोर दे रहे हंैं। मगर स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं है। जबकि डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना के मरीजों को इलाज उपलब्ध करा रहा है। उक्त अधिकारी का कहना था कि यह बात सही है कि कोरोना की वजह से काम और खतरा बढ ़ गया है।जांच के लिए प्रतिदिन पांच से सात सौ लोग जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन जांच के लिए किट 5० से लेकर 8 8 के बीच पहुंच रही है। जिससे लोगों को अपनी जांच कराए लौटना पड़ रहा है।
दोपहर में ये दिखा नजारा
समय: दोपहर 1.2० बजे
स्थान: जिला अस्पताल परिसर
दृश्य: जिला अस्पताल परिसर में कमला बस सर्विस की एक बस दमोह से होमगार्ड और एसएएफ के जवान पहुंचे। वे यहां कोरोना की जांच कराने जिला अस्पताल पहुंचे। चालीस से अधिक आए इन जवानों की कोरोना जांच होना थी, वे जांच के लिए इधर-उधर भटकते रहे।कोई सही जवाब देने का तैयार नहीं था। कोरोना की जांच कर वालों का कहना था कि हमें 5० किट प्रतिदिन मिलती है, उतनी जांच हो गईं, फिर हम नहीं कर पाएंगे।
ये बताए नियम
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बाहर से आने वाले सरकारी कर्मचारी या अन्य को शहर में आने पर सात दिन होम आइसोलेशन होगा, इन सात दिनों में उनकी कोरोना जांच की जाएगी।
बटालियन के जवानों की जांच हुई
पिछले दिनों चेन्नई से चुनाव ड्यूटी करके लौटे बटालियन के जवान 9 अप्रैल को लौटकर आए थे, जिनकी जांच 15 अप्रैल को हुई, जिसमें चार जवान कोरोना पॉजीटिव निकले थे।
कोरोना के संदिग्ध 3०० लोग चिन्हित
बताया गया कि कलेक्टर के आदेश पर 137 टीमें सर्वे कर रही हैं, उधर गुना रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड पर भी आने वाले यात्रियों की जांच एक अलग टीम कर रही है। सर्वे करने वाली टीम अभी तक 75 हजार लोगों तक पहुंच चुकी है, जिसमें से 3०० ऐसे लोग चिन्हित किए हैं जो खांसी, जुकाम आदि से पीडि़त हैं। उनको अस्पताल न आने की सलाह देकर घर पर ही जांच कर दवाई उपलब्ध कराई जाएगी।
जल्द कराएंगे होमगार्ड जवानों की जांच
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि दमोह से लौटे होमगार्ड जवानों की जांच नियमानुसार जल्द एक कैम्प लगवाकर कराएंगे। जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को और सुधरवाया जा रहा है। जांच वे ही कराने पहुंचें जिनको कहीं कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हों।
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