गुना

डेंगू का डंक मरीजों को बना रहा कर्जदार

– प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने से लेकर जांच और भर्ती फीस बहुत ज्यादा- मध्यम वर्गीय परिवार के समक्ष इलाज कराना हुआ मुश्किल- बजट खत्म होने के बाद अधिकांश मरीज पहुंचे सरकारी अस्पताल- जिले में डेंगू पॉजिटिव की संख्या 200 के पार

गुनाOct 20, 2021 / 01:37 pm

Narendra Kushwah

डेंगू का डंक मरीजों को बना रहा कर्जदार

गुना. कोरोना की तीसरी लहर से डरे हुए लोगों को नहीं पता था कि इस बार डेंगू इतना ज्यादा बढ़ जाएगा। वहीं शासन-प्रशासन का अनुमान भी गलत निकला और जनता को कोरोना से बचाने में जुटा प्रशासन डेंगू की अनदेखी कर गया। जिसके परिणाम अब दोनों को भुगतने पड़ रहे हैं। सामान्यत: डेंगू अक्टूबर माह के पहले पखवाड़े तक समाप्त हो जाता है। लेकिन इस बार असामान्य मौसम तथा बारिश की वजह से अभी भी डेंगू का प्रकोप बना हुआ है। डेंगू से पीडि़त सामान्य लक्षण वाले मरीज को 10 से 12 दिन इलाज लेने पर आठ से दस हजार रुपए तक खर्च आ रहा है। वहीं निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीज को डॉक्टर की फीस से लेकर जंबो प्लेटलेट्स जांच किट व रोग संबंधी अन्य जांचों के साथ दवा से लेकर इलाज के लिए 50 से 60 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। जिले में डेंगू मरीजों की कुल संख्या 202 हो चुकी है। इनमें केवल शहरी क्षेत्र में ही मरीजों की संख्या 100 से अधिक है। सोमवार को एक ही दिन 32 पॉजिटिव मरीज सामने आए। यह आंकड़ा खुद बयां कर रहा है कि डेंगू के मरीज किस गति से बढ़ते जा रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि डेंगू का डंक लोगों को कर्जदार बना रहा है।

शारीरिक दुर्बलता के साथ हीमोग्लोबिन तेजी से कम हो रहा
डेंगू पीडि़त मरीजों में देखने को मिल रहा है कि उनके शरीर में दुर्बलता के साथ-साथ हीमोग्लोबिन तेज से कम हो रहा है। राहत की बात यह है भले ही डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 200 के पार पहुंच चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अब तक किसी भी मरीज की मौत डेंगू से होना दर्ज नहीं हुई है।

इस बार वायरस का रूप बदला हुआ है
डेंगू मरीजों का इलाज करने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक का कहना है कि इस साल वायरस का रूप बदला हुआ है। डेंगू पीडि़त मरीजों को ठीक होने में जहां 5 से 7 दिन लगते थे। वहीं इस बार 10 से 12 दिन तक लग रहे हैं।

एक बार फिर बारिश ने बढ़ाई चिंता
कोरोना की मार से अभी लोग उबर भी नहीं पाए थे कि डेंगू के मच्छर ने लोगों की जेब खाली करना शुरू कर दिया है। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में एक बार फिर हुई तेज बारिश के बाद जल जमाव की स्थिति निर्मित हो गई है। जिससे डेंगू बढऩे के पूरे हालात बन गए हैं। क्योंकि डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए पानी में ही अपना अड्डा जमाता है। डेंगू के डंक से पीडि़त होकर मरीजों के पास अस्पताल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पिछले काफी समय से जिला अस्पताल का मेडिकल व और डेंगू वार्ड फुल चल रहा है।

काफी खर्चीला है इलाज
डेंगू का मच्छर जिसे डंक मारता है उसे तो तोड़ ही देता है, साथ ही परिवार की बचत भी चाट जाता है। डेंगू का इलाज यदि सही समय पर शुरू कर दिया जाए तो भी कम से कम दस हजार रुपए तो खर्च होना तय है। कई निजी बड़े अस्पताल में यदि मरीज को भर्ती करा दिया तो आधा लाख से कम का बिल नहीं बनता। कुल मिलाकर डेंगू का डंक माध्यम वर्गीय परिवार को कर्ज तले दबा रहा है।

डेंगू के इलाज में ऐसे खर्च हो रहा बजट
दस दिन सामान्य रोगी को डॉक्टर की फीस के रूप में एक हजार रुपए तक देने पड़ रहे हैं। वहीं 10 से 12 दिन दवा व जांच का खर्च सात से 8 हजार रुपए आ जाता है।
तीन दिन बुखार होने पर मरीज एनएफ-1 व आईजीएम जांच एक साथ यानि कि डेंगू प्रोफाइल जांचें प्राइवेट लैब में ढाई से तीन हजार रुपए तक की पड़ रही हैं।
सीबीसी जांच पांच से सात 700 रुपए में हो रही है। वहीं प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से कम होने पर जंबो प्लेटलेट्स किट खरीदी के लिए दस से 11 हजार रुपए का खर्च आ रहा है। साथ ही एक ब्लड डोनर भी चाहिए।

एक दिन में 32 पॉजिटिव
जिला अस्पताल में नियमित रूप से जांचेें नहीं हो रही हैं। जबकि मरीज लगभग हर दिन भर्ती हो रहे हैं। यही कारण है कि लगातार दो दिन की छुट्टी के बाद जब सोमवार को डेंगू के सैंपलों की जांच हुई तो एक साथ 32 पॉजिटिव मरीज सामने आ गए। जो अब तक एक नया रिकार्ड है। एक दिन में अभी तक इतनी बड़ी संख्या में पॉजिटिव मरीज नहीं निकले थे।

अंचल में भी पैर पसार रहा डेंगू
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दर्ज डेटा के अनुसार जिले में अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 202 तक पहुंच चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा गुना शहरी क्षेत्र के 100 से अधिक मरीज हैं। वहीं जिले की प्रत्येक तहसील व विकासखंड स्तर से लेकर गांव तक डेंगू का प्रकोप पहुंच चुका है। मलेरिया विभाग की लार्वा सर्वे टीम को हर जगह डेंगू का लार्वा मिल रहा है। वहीं अभी तक जितने भी पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं उनके घर पर भी डेंगू का लार्वा मिला है। चिंता की बात तो यह है कि ऐसे भी कई घर हैं जहां दूसरी और तीसरी बार लार्वा की पुष्टि हुई है। ऐेसे लोगों को प्रशासन चेतावनी देकर छोड़ रहा है इसलिए लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे और बीमारी शिकार हो रहे हैं।

पुलिस लाइन में जवान हुआ डेंगू का शिकार
शहर में पुलिस लाइन एक ऐसा इलाका है जो जल जमाव के लिए जाना जाता है। क्योंकि पिछले कई वर्षों से सड़क और नालियां नहीं बनी हैं। शासकीय आवास तो बना दिए गए लेकिन जल निकासी के उचित इंतजाम नहीं किए। वहीं आवासों के आसपास खुला क्षेत्र अधिक है। जो पार्क बना है उसमें बारिश का पानी भरता है। इसी वजह से यहां रहने वाला एक जवान भी डेंगू से पीडि़त हो चुका है।

हड्डी मिल क्षेत्र एक बार फिर हाईरिस्क जोन बना
सोमवार को 79 डेंगू के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच की गई। जिसमें 32 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें कई हड्डीमिल क्षेत्र के रहने वाले हैं। जिसके बाद एक बार फिर यह क्षेत्र हाईरिस्क जोन में आ गया है। वहीं बूढ़े बालाजी, पुरानी छावनी, कोटरा, बीनागंज, सांई बिहार कॉलोनी, विंध्याचल कॉलोनी, विकास नगर, राघौगढ, कुशमौदा और गोकुल सिंह के चक में भी बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज सामने आए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई हैं।

अब तक खाली प्लाट मालिकों पर नहीं हुई कार्रवाई
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग व नपा की टीम को निर्देश दिए थे कि वह लार्वा सर्वे के दौरान जिन घरों में लार्वा मिलता हैं तथा घरों के आसपास खाली पड़े प्लाटों में जल जमाव मिलता है उन पर निर्देशों की अवहेलना करने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाए। लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है।

यह जानना जरूरी है कि डेंगू से बचने के लिए क्या करें
प्राय: डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है।
सभी लोग हो सके तो फुल शर्ट ही पहनें। खासकर बच्चों पूरा शरीर ढंकने वाले कपड़े पहनाएं।
घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें।
कूलर में पानी का उपयोग करना बंद कर दें।
जहां पानी भरा हो उसे निकाले दें, या फिर उसमें केरोसिन तेल डालें जिससे कि मच्छर पनप ना पाएं।
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

Home / Guna / डेंगू का डंक मरीजों को बना रहा कर्जदार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.