समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को प्रधानमंत्री अल-कदीमी ने एक टेलीविजन पर दिए गए भाषण में कहा, ‘मैं घोषणा करता हूं कि, शुरुआती संसदीय चुनावों की तारीख 6 जून, 2021 होगी और हम इस चुनाव को सफल बनाने और इसके आवश्यक पैमानों को पूरा करने की अपनी पूरी कोशिश करेंगे।’
इराक ने की ईरानी हमले की पुष्टि, कहा- तेहरान ने दागी 22 मिसाइलें, एक भी इराकी नागरिक की मौत नहीं
उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा कि मैं संसद से राष्ट्रपति को अनुमति प्राप्त करने के लिए चुनावी कानून भेजने का आग्रह करता हूं और निर्वाचन आयोग को पूरी आजादी है। पीएम कदीमी ने कहा कि यह चुनाव अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ( International Observers ) के तहत आयोजित किया जाएगा।
पिछले साल चुनावी मसौदे को सदन से मिली थी मंजूरी
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री अल-कदीमी की ओर से यह महत्वपूर्ण बयान गुरुवार को इंडिपेंडेंट हाई इलेक्ट्रल कमिशन ( IHEC ) के साथ एक बैठक के बाद आई है। इस बैठक में उन्होंने पुष्टि की थी कि सरकार शुरुआती चुनावों के साथ आगे बढ़ रही है। यह सरकारी कार्यक्रम के मुख्य लक्ष्यों में से एक है।
पिछले साल के अंत में इराकी संसद ने अधिकांश चुनावी मसौदे को पारित कर दिया था, लेकिन राजनीतिक दलों में कुछ आर्टिकल पर मतभेद बना रहा। वहीं, 6 मई को अल-कदीमी ने इराक के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
2018 में हुए थे चुनाव
आपको बता दें कि 2018 में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ( Terrorist Organization Islamic State ) पर जीत की घोषणा के बाद इराक में पहली बार 12 मई को 329 सदस्यीय वाली संसदीय चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में चरमपंथी इराकी शिया मौलवी मुकतदा अल-सदर ( Extremist Iraqi Shia cleric Muqtada al-Sadr ) का गठबंधन को बढ़त मिली थी। निर्वाचन आयोग ने बताया था कि अल सदर के उम्मीदवार बगदाद सहित सात प्रांतों में बढ़त बनाए हुए हैं। इस चुनाव में मतदान प्रतिशत 44.52 फीसदी रहा था।
इराक: सरकार विरोधी प्रदर्शन में लगातार तीन दिन हुई हिंसा, अब तक 74 की मौत
इसके बाद अगस्त में एक बार फिर से आम चुनावों के वोटों की दोबारा गिनती कराई गई है। दोबारा गिनती के बाद के शिया धर्मगुरू मुकतदा सद्र के गठबंधन दल के जीत की घोषणा की गई। इस घोषणा से आखिरकार तीन महीने बाद सरकार बनाने का रास्ता साफ हो पाया था।