अभी तक किसी के भी हताहत होने की कोई खबर नहीं है। माना जा रहा है कि यह हमला ईरान ( Iran ) और यमन ( Yemen ) समर्थित हूती विद्रोहियों ( Houthi rebels ) ने की है। हालांकि अभी तक हूती विद्रोहियों की ओर से इसकी जिम्मेदारी नहीं ली गई है।
यमन: हूती विद्रोहियों ने मिलिट्री कैंप पर किया मिसाइल अटैक, 70 जवानों की मौत
अमरीकी दूतावास ( American Embassy ) ने सऊदी अरब में हुए ड्रोन और मिसाइल हमले की पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यह हमला राजधानी रियाद की ईमारतों को निशाना बनाकर किया गया। इस हमले के बाद से अमरीकी दूतावास ने सऊदी में मौजूद अपने देश के नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है।
अभी हो सकते हैं और हमले..
अमरीकी दूतावास ने एक बयान में अपने नागरिकों से कहा है कि यदि आप किसी भी तरह के धमाके की आवाज सुनें तो फौरन कहीं पर छिप जाएं। यदि आप बड़ी-बड़ी इमारतों में रहते हैं तो खिड़की और दीवारों से दूर रहें। किसी कारण से घर से बाहर हैं तो फौरन सुरक्षित जगह पर चले जाएं।
अब ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि हूती विद्रोही रियाद पर अभी और भी हमले कर सकते हैं। सोमवार को सऊदी अरब ने यमन में हूती विद्रोहियों के कई ड्रोन हमलों ( Drone Attacks ) को विफल कर दिया था। अरब गठबंधन के प्रवक्ता कर्नल तुर्की अल मलिकी ( Arab Alliance Spokesperson Colonel Turki Al Maliki ) ने एक बयान में बताया कि हूती विद्रोही ड्रोन की मदद से सऊदी के नागरिकों को निशाना बनाने की लगातार कोशिश कर रही है। हालांकि सऊदी ने इस तरह के प्रयासों को विफल कर दिया है।
2015 से जारी संघर्ष
मालूम हो कि सऊदी अरब के अगुवाई वाले गठबंधन ने साल 2015 में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। ये गठबंधन आज भी लगभग हर दिन हवाई हमले कर रहा है। हूती विद्रोही भी इसके खिलाफ सऊदी अरब पर मिसाइल हमले करते रहे हैं।
इससे पहले हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों ( Attacks on Oil plants ) पर हमला करने का दावा किया था। ये हमला 14 सितंबर को हुआ था। इसके कारण विश्व स्तर पर तेल मार्केट प्रभावित हुई थी। इस हमले को लेकर सऊदी और अमरीका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था, क्योंकि माना जाता है कि हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है।
यमन: सऊदी गठबंधन का युद्धक विमान दुर्घटनाग्रस्त, हौती विद्रोहियों ने मार गिराने का किया दावा
साल 2015 से यमन में संघर्ष जारी है। उस समय हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी ( President Abderrabu Mansoor Hadi ) को देश छोड़कर भागना पड़ा था। मौजूदा समय में यमन के अधिक से हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है। सऊदी अरब राष्ट्रपति हादी के समर्थन में है। ऐसे में यमन में गृह युद्ध जैसे संकट हैं और लगातार संघर्ष का दौर जारी है।