गोरखपुर. एक बैंक से लोन लेकर दूसरे बैंक से लेन देन, अब ऐसा नहीं चलने वाला। रिजर्व बैंक (RBI) ने इसपर लगाम लगानी शुरू कर दी है। इससे व्यापारियों में हड़कम्प मचा है। यानि व्यापारी अब एक बैंक से लोन लेकर दूसरे बैंक में चालू खाता (Current Account) खोलकर उससे लेनदेन नहीं कर पाएंगे। रिजर्व बैंक ने ऐसे खाताधारकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आरबीआई के निर्देश के बाद बैंकों ने भी ऐसे ग्राहकों को चेतावनी दे दी है। आरबीआई के निर्देश पर बैंक अपने चालू खाताधारकों को नोटिस भेजकर जानकारी दे रहे हैं कि जिस बैंक से सीसी यानि कैश क्रेडिट या ओडी (ओवरड्राफ्ट) की सुविधा ली है उसी बैंक से लेनदेन करें। आरबीआई के निर्देश पर बैंकों की शाखाओं ने करीब 12 हजार से ज्यादा करेंट अकाउंट होल्डर्स को ये नोटिस भेजी है। उन सभी से 15 दिनों में जवाब मांगा गया है। उन्हें खाता बंद करने की चेतावनी भी दी जा रही है। कोशिश है कि 31 मार्च तक इस तरह की कार्य प्रणाली पर अंकुश लगा दिया जाए।
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बैंकों से नोटिस मिलने के बाद चालू खाता चलाने वाले व्यापारी, फर्म और संस्थानों में हड़कम्प मचा हुआ है। उनसे नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि अगर उन्होंने किसी और बैंक से ओवरड्राफ्ट या फिर कैश क्रेडिट की सुविधा ले रखी है तो वह उनकी शाखा से अपना चालू खाता बंद कर दें, अन्यथा उसे ब्लाॅक कर दिया जाएगा। इस नोटिस के बाद कारोबारी, फर्म आदि पे अपने दूसरे बैंकों के चालू खातों को बंद करना शुरू कर दिया है।
क्षेत्रीय प्रबंधक सेंट्रल बैंक एलबी झा ने मीडिया से बताया है कि एक बैंक से लोन लेकर दूसरे बैंक में चालू खाता ऑपरेट करने से सीसी या ओडी खते में एक रुपया भी जमा न होने के चलते ये खाते एनपीए हो जाते बढ़ते एनपीए पर रोक लगाने के लिये आरबीआई ने सभी बैंकों को दिशा निर्देश भेजकर इसपर अंकुश लगाने को कहा है।
उधर यूबीआई के रिजनल हेड भोलानाथ ने भी मीडिया से बताया है कि दूसरे बैंकों से लोन लेकर यूबीआई की शखाओं में चालू खाते का संचालन करने वाले ऐसे करीब 2500 खाताधारकों को चिन्हित किया गया है। सभी को नोटिस भेजकर खाता बंद कर उसी बैंक से लेन देन का सुझाव दिया गया है जिससे उन्होंने लोन ले रखा है। उन्होंने बताया है कि आरबीआई ने इस तरह की एक्टिविटी पर तत्काल रोक लगाने के मकसद से यक कदम उठाया है।