मदरसा शिक्षकों का होगा सत्यापन, जांचे जाएंगे हर दस्तावेज और प्रमाण पत्र, तीन दिन में जमा कराने होंगे कागजात

उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा शिक्षकों की भी जांच कराएगा। यूपी में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के मामले के खुलासे के बाद शासन मदरसा शिक्षकों का भी सत्यापन करा रहा है। इसके लिये अधिकारी तय कर दिये गए हैं। एक महीने के अंदर ही सत्यापन का काम पूरा कर लिया जाएगा। गोरखपुर बस्ती मंडल के 1740 मदरसों का सत्यापन किया जाएगा।

<p>मदरसा शिक्षक सत्यापन</p>

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के मदरसा शिक्षकों का भी सत्यापन किया जाएगा। इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र से लेकर उनकी ज्वाइनिंग के सभी दस्तावेज खंगाले जाएंगे। यूपी में शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार मदरसा शिक्षकों का भी वेरिफिकेशन करा रही है। सत्यापन की यह प्रक्रिया एक महीने के अंदर पूरी की जाएगी। राज्य सरकार अनुदानित मदरसों के सभी शिक्षकों के सत्यापन के लिये समय सीमा और जांच अधिकारी तय कर दिये गए हैं। तीन अनुदानित मदरसों को निर्धारित प्रारूप पर शिक्षकों की सभी जानकारी और उनके दस्तावेजों की स्वप्रमाणित काॅपी जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में जमा कराने के लिये तीन दिन का समय दिया गया है। विभाग की आेर से इन दस्तावेजों की पूरी जानकारी रजिस्ट्रार मदरसवा परिषद को भेजेगा।


शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने के मामलों का खुलासा होने के बाद पूरे प्रदेश में शिक्षकों की जांच शुरू हो गई। अब उसी सिलसिले में मदरसा शिक्षकों का भी सत्यापन किया जा रहा है। हाल ही में मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के दस्तावेजों की भी जांच की गई है। अब शासन की ओर से जारी शिक्षकों के सत्यापन के इस फरमान से मदरसा शिक्षकों में हड़कम्प मच गया है। गोरखपुर बस्ती मंडल में कुल 1740 मदरसा शिक्षकों का सत्यापन होना है। सत्यापन में गलत पाए जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कूटरचित दस्तावेजों या अभिलेखों के आधार पर सरकारी नौकरी पाने या सरकार से अनुदान पाने को लेकर सरकार जीरो टाॅलरेंस की निती पर चल रही है। सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाएगी। गलत सत्यापन करने पर पर्यवेक्षक अधिकारी या सत्यापन करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को नहीं बख्शा जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


मंडल के अलग-अलग जिलों के लिये अलग-अलग जांच अधिकारी तय किये गए हैं। गोरखपुर मंडल के गोरखपुर में 10 अनुदानित मदरसों में 138 शिक्षकों और कुशीनगर के 25 मदरसों के 377 कार्यरत शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कानपुर की मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रियंका अवस्थी करेंगी। इसी तरह देवरिया के 17 अनुदानित मदरसों के 285 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच का जिम्मा कुशीनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेन्द्र राम को सौंपा गया है, जबकि महराजगंज के 21 मदरसों के 310 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच गोण्डा के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन कुमार सिंह करेंगे। बस्ती मंडल के बस्ती जिले के 43 मदरसों के 730 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच गोरखपुर के मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पाण्डेय करेंगे। सत्यापन प्रभारियों के साथ एक-एक कर्मचारी भी लगाए गए हैं।

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