ये है पूरा मामला
मूल रूप से बेलघाट क्षेत्र के पिपरसण्डी गांव निवासी किशोरी देवी की रामगढ़ताल पुलिस को दी तहरीर के मुताबिक वो लोग रामगढ़ताल इलाके के फुलवरिया में रहते हैं। छह अगस्त की दोपहर दो से तीन बजे के बीच मैरून रंग की बोलेरो से आए तीन लोग घर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया। सर्वेश के बाहर आते ही उन्होंने पूछा कि क्या ये नंबर उसका है। तहरीर के मुताबिक हां सुनते ही उसकी पिटायी शुरू कर दी और असलहा सटाकर उसे बोलेरो में बैठा ले गए।
पुलिस ने की बदसुलूकी
मृतक की मां किशोरी देवी का आरोप है कि उसने स्थानीय चौकी प्रभारी को तहरीर दी, लेकिन वहां कुछ नहीं हुआ तो वह थाने गई, जहां उसके साथ बदसुलूकी की गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही की, जिसके लते सर्वेश को बचाया नहीं जा सका।
जमानत पर बाहर था सर्वेश
मां किशोरी देवी के मुताबिक बेटा सर्वेश सिंह हत्या के मामले में जमानत पर बाहर था। सर्वेश सिंह के खिलाफ सुल्तानपुर की कादीपुर कोतवाली में हत्य का एक मुकदमा दर्ज था। वह जमानत पर बाहर था। परिवार का दावा है कि लाॅकडाउन से पहले से वह घर पर ही रह रहा था।
शव और कपड़े से हुई पहचान
सर्वेश की सिरकटी लाश बिहार के गया जिले के बेलागंज थानान्तर्गत नेशनल हाइवे 3 के नजदीक रिसौध नहर के पास धान के खेत में 10 अगस्त को पायी गयी। लाश बोरे में कसी गयी कसी गयी थी और धड़ व गर्दन अलग था। गया के बेलागंज एसएचओ अभिनाश कुमार ने बताया कि एक आरसी पेपर के जरिये वह सेामवार को गोरखपुर पहुंचे। उन्हें एक गाड़ी के बारे में पता करना था, पर बाद में पता चला कि गाड़ी का नंबर फर्जी था। जांच के दौरान एसओ को सर्वेश के घर का पता मिला। वहां पहुंचने के बाद पूरा मामला खुल गया। रामगढ़ताल प्रभारी सत्य सान्याल शर्मा ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है।