ग्राम पंचायतें करेंगी आर्थिक मदद, भोजन के लिये एक हजार, इलाज के लिये दो हजार व अंतिम संस्कार के लिये 5000 रुपये

कोरोना महामारी में यूपी के ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायतें पेट भरने, इलाज व अंतिम संस्कार के लिये जरूरतमंद परिवारों (Gram Panchayats will help Poors) की मदद करेंगी। भोजन के लिये एक हजार रुपये, इलाज के लिये दो हजार और अंतिम संस्कार के लिये 5000 रुपये की आर्थिक सहायता (financial help) करेंगी। जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाएंगी ग्राम पंचायतें।

<p>आर्थिक सहायता</p>

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर. कोरोना महामारी के चलते बीते साल लाॅक डाउन के बाद एक बार फिर कोराना संक्रमण की दूसरी लहर के तेजी से फैलने से बड़ी आबादी को सामने पेट भरने, इलाज और दूसरी समस्याओं का सामना दिख रहा है। पर इस बार इन समस्याओं के सिर उठाने से पहले ही सरकार की ओर से इनसे निपटने के इंतजाम किये जा रहे हैं। गांवों पर खास फोकस है ताकि वहां कोरोना काल में न कोई भूखा रहे और न ही पैसे की तंगी के चलते किसी का इलाज रुके। यहां तक कि अगर किसी की मृत्यु के बाद अगर उनके परिवार में कोई नहीं है तो उनके अंतिम संस्कार में भी मदद की जाएगी। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतें जरूरतमंद परिवारों की मदद (Gram Panchayats will help Poors) करेंगी।

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इस काम का जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है। इसके लिये उन्हें राज्य वित्त के बजट से आर्थिक मदद मुहैया करायी जाएगी। जरूरतमंद परिवार को भूखमरी से बचाने के लिये 1000 रुपये की आर्थिम मदद तत्काल दी जाएगी। अगर कोई बीमार है, इलाज के लिये पैसे नहीं हैं और उसके पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं है तो उसे ग्राम पंचायत की ओर से इलाज के लिये 2000 रुपये की मदद की मिलेगी। इसी तरह आर्थिक तंगी के चलते कोई परिवार किसी अपने का अंतिम संस्कार कराने में अक्षम है तो उसकी भी मदद की जाएगी और अंतिम संस्कार के लिये 5000 रुपये की सहायता की जाएगी।

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आर्थिक सहायता (financial help) मुहैया कराने के साथ-साथ उस परिवार को सरकारी योजनाओं जैसे राशन कार्ड, आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री जन आरोग्य कार्ड जैसी मदद वाली योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा ताकि आगे उन्हें ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। ग्राम पंचायत स्तर से आर्थिक सहायता के लिये शासन की ओर से आदेश जारी होने के बाद इस दिशा में मदद की कवायद तेज हो गई है। इस तरह के जरूरतमंद परिवारों की तलाश शुरू कर दी गई है। जरूरतमंद परिवारों को को तलाशकर उनकी मदद की जाएगी।


ग्राम पंचायतें ये आर्थिक मदद के लिये राज्य वित्त से मिले बजट के तीन फीसदी हिस्से का इस्तेमाल कर सकेंगी। जानकारी के मुताबिक गोरखपुर जिले में राज्य वित्त से मिले बजट के मद में 60 करोड़ रुपये हैं। ऐसा नहीं कि बजट के प्रावधान में मुहैया रकम के जरिये ही मदद की जाएगी। इसके बाद भी अगर कोई परिवार छूट जाता है तो उसकी मदद जिला पंचायत राज अधिकारी स्तर से जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद की जाएगी।


जिला पंचायत राज अधिकारी शेखर ठाकुर कहते हैं कि आर्थिक तंगी से न किसी के सामने भूखमरी का संकट खड़ा होगा और न ही किसी का इलाज रुकेगा। इसके लिये ग्राम पंचायतें राज्य वित्त बजट से आर्थिम सहायता उपलब्ध कराएंगी। अंतिम संस्कार के लिये भी आर्थिम सहायता दी जाएगी।

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