रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण के खिलाफ रेलवे कर्मचारियों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू हो गया है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) और पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ (पीआएसएस) रेलवे के निजीकरण के विरोध में उतर गये हैं। रेलवे कर्मचारी संगठनों ने निजीकरण के विरोध में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान 14 सितम्बर से शुरू हुआ आंदोलन 19 सितम्बर तक जारी रहेगा।
मरते दम तक आंदोलन करेंगे :- एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजेश भट्ट ने कहाकि, हमारे युवाओं को रोजगार के नाम पर कम सैलरी में काम करना होगा, ये हमारा ही नहीं पूरे समाज का अहित हो रहा है। वे मरते दम तक आंदोलन करेंगे, जरूरत पड़ी तो सड़क पर भी उतरेंगे।
रेलवे को टुकड़े-टुकड़े में बेच रहे हैं मोदी :- एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के संयुक्त मंत्री नवीन कुमार मिश्रा ने कहा कि वे लोग केवल रेल को बचाने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। रेल रहेगी, तभी देश रहेगा। इसके लिए वे आंदोलन कर रहे हैं। भारत सरकार को चेताते हुए नवीन कुमार मिश्रा कहते हैं कि रेलवे को प्राइवेट हाथों में बेचने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वे रेलवे को बिकने नहीं देंगे आज वो रेलवे को टुकड़े-टुकड़े में बेच रहे हैं।
अडानी और अंबानी रेल नहीं बनने देंगे :- पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद गुप्ता, सहायक मंडल मंत्री योगेश चन्द्र शुक्ला और केन्द्रीय उपाध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने कहा कि वे निजीकरण और निगमीकरण का विरोध करते हैं। रेलवे को वो भारतीय रेल से अडानी और अंबानी रेल बनाकर हमारा दोहन नहीं करने देंगे।