गोरखपुर में अगवा किए गए 14 वर्ष के बच्चे की हत्या, विपक्ष के तीखे तेवर

गोरखपुर में अगवा किए गए 14 वर्ष के बच्चे की हत्या, विपक्ष ने सरकार को घेरा

<p>गोरखपुर में अगवा किए गए 14 वर्ष के बच्चे की हत्या, विपक्ष ने सरकार को घेरा</p>
गोरखपुर. कानपुर और गोंडा अपहरण कांड का मामला अभी थमा भी नहीं था कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में बड़ी वारदात हुई है। पिपराइच इलाके से रविवार को बदमाशों ने किराना कारोबारी के 14 वर्षीय बेटे बलराम गुप्त का अपहरण कर परिजनों से एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। सोमवार को बच्चे की हत्या कर दी गई। मामले में पुलिस ने चार को गिरफ्तार किया है और उनकी निशानदेही पर शव को बरामद कर लिया है। मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने योगी सरकार को घेरा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि गोरखपुर से अपहृत बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक व दुखद है। शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा और कहा कि यह तो हद हो गई! मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में अगवा 14 साल के बच्चे को बचाया न जा सका, उसकी हत्या हो गई, दुखद! लगातार गोरखपुर में मौजूद रहने के बावजूद सीएम नहीं कर सके मासूम की रक्षा तो दें दे इस्तीफा, शर्मनाक! एक मां की कोख फिर चढ़ी जंगलराज की भेंट, संवेदना। हो न्याय।
प्रियंका गांधी ने घेरा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि क्या यूपी के मुखिया ने खबरें देखना छोड़ दिया है? क्या गृह विभाग में बैठे लोगों के सामने ये खबरें नहीं जाती? यूपी में हर दिन गुंडाराज के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। सीएम के गृहक्षेत्र में अपहरण की घटना घटी है। कासगंज में हत्याकांड। लेकिन दिखावे के लिए कुछ ट्रांसफर के अलावा…. और कुछ होता ही नहीं है। जंगलराज बढ़ता जा रहा है।
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क्या है पूरा मामला
पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल छत्रधारी गांव निवासी 14 साल के बलराम गुप्ता को अगवा कर एक करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। रविवार दोपहर बाद उसके घर पर फिरौती का फोन आने के बाद पुलिस, क्राइम ब्रांच के अलावा एसटीएफ टीम को भी लगाया गया है। जंगल धूसड़ से एक मुर्गा कारोबारी, मोबाइल सिम बेचने वाला दुकानदार और एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लिया गया था। इसके अलावा बलराम के साथ खेलने वाले दोस्तों से भी बात कर जानकारी ली गई है। बलराम गुप्ता के पिता महाजन गुप्त घर में ही किराने की दुकान चलाते हैं। इसके साथ ही जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं। उनका बेटा बलराम दोस्तों के साथ खेलने निकला था और घर नहीं लौटा। उसी के बाद महाजन गुप्त के मोबाइल पर फिरौती के लिए फोन आया।
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