गोपालगंज: नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से बिहार की चिंता बढ़ गई हैं। चौबीस घंटों में बैराज से डेढ़ लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ने से गंडक नदी उफान मारने लगी है। गंडक के दियारे में बसे लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करने लगे हैं।
पानी छोड़ने की रफ्तार बढ़ी तो खतरे बढ़ेगे
चीन के उकसाने में नेपाल एक तरफ बांध की मरम्मत के काम में सीमा विवाद खड़ा कर अड़चनें खड़ा कर रहा है। जबकि उसके जलग्रहण क्षेत्र से पानी की तेज रफ्तार भारतीय सीमा में हर साल तबाही मचाने का कारण बनती है। इस पर आखिर चुप्पी क्यों है। बारिश की बढ़ती रफ्तार हर चौबीस घंटे में बांध से पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ाता जाएगा। पिछले चौबीस घंटों में ही पोखरा में 74 मिलीमीटर और मैरवा में 68 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शाम तक करीब दो लाख क्यूसेक पानी बांध से छोड़ दिए जाएगस। इससे गंडक का मूड बर्बादी की तरफ बढ़ना स्वाभाविक है।
दियारे से पलायन करने लगे लोग
गंडक का पानी बढ़ने से दियारे में बसे अनेक परिवारों ने सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन का रुख कर लिया। कोईरपट्टी घाटपर नाव बंद होने से सिंगलीपट्टी घाट से लोगों का आवागमन शुरु हो गया है। दियारे में गंडक की राह बदलने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि सीओ अनिल कुमार के अनुसार लोगों की राहत और बचाव के मुकम्मल इंतजाम कर लिए गए हैं। सरकार ने 19 नावों का प्रबंध कर दिया है। बांध पर बसें लोगों को हर हाल में सुरक्षित रखा जा रहा है।
लगातार हो रही बारिश
सूबे में भी एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है। मध्य, पूर्वी और उत्तरी बिहार में बारिश ने पिछले कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। धान की बुवाई से पूर्व मृगरिशरा और अब आर्द्रा नक्षत्र में हो रही बारिश से किसानों में खुशी है। जबकि उत्तर बिहार में गंडक, बागमती और कोसी समेत अन्य नदियों के जलस्तर तेजी से बढ़ने से बाढ़ के खतरे भी बढ़ रहे हैं। गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है। मौसम विभाग ने 25 जून तक बारिश होने का पूर्वानुमान कर रखा है।
इधर नेपाल में हो रही बारिश का असर बिहार के गोपालगंज जिले में भी देखा गया। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के नीचले क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बन गए है। कईं गावों में पानी भर गया है। जिला मुख्यालय से भी इनका संपर्क टूट गया है।