इन विशेष प्रजाती के अजगरों को भा रहा बिहार, लॉकडाउन के बाद डाला डेरा

फिलहाल प्रतिबंध हटा दिए गए है, लेकिन लॉकडाउन के बीच लोगों की आवाजाही कम हुई तो बिहार (Bihar News) में जगह—जगह (Different Species’s Python Found In Bihar During Lockdown)…

<p>इन विशेष प्रजाती के अजगरों को भा रहा बिहार, लॉकडाउन के बाद डाला डेरा</p>

(गोपालगंज): बीहड़ जंगलों में बिचरने वाले अजगरों को लॉकडाउन में यूपी बिहार की आबोहवा खूब भा रही है। जिले के उत्तर प्रदेश सीमा से लगे गांवों में अजगर खूब निकल रहे हैं। पाइथन प्रजाति के अलावा ब्लैक और लेडिस अजगर मिलने से वन विभाग के अधिकारी उत्साहित हैं। इसके संरक्षण और संवर्धन की तैयारी की जा रही है।


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सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया

पिछले माह गोपालपुर और पंचदेवरी में मिले दो अजगरों को ट्रैप कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले ग्यारह महीनों में इन इलाकों में कुल नौ अजगर मिल चुके हैं। परिस्थितिकी तंत्र को सुचारू रखने में अजगर बड़े काम के होते हैं। अजगर उष्णकटिबंधीय वातावरण में अपना बसेरा बनाते हैं। यह वातावरण उनके स्वास्थ्य और प्रजनन के भी अनुकूल होता है। भोजन में ये चूहे, हिरण, खरगोश, बिल्ली और बड़े पक्षी गटक लेते हैं। इस लिहाज़ से गंडक से सटा दियारा और यूपी का सीमावर्ती इलाका बेहद उपयुक्त है।

 

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संवर्धन के लिए कार्ययोजना

 

वाइल्ड लाइफ के डिविजनल असिस्टेंट इंचार्ज रजनीश कुमार मिश्र बताते हैं कि येलो लेडिस पाइथन एनीमेलिया दुनिया में दुर्लभ प्रजाति है। यह प्राय: अफ्रीकी जंगलों में पाया जाता है। बेतिया के जंगलों में भी इनका बसेरा है। मिश्र ने बताया कि जिले में लगातार विभिन्न प्रजातियों के अजगर मिलने से हम उत्साहित हैं। इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए काम किया जा रहा है। गोपालगंज के जादोपुर-मंगलपुर के गंडक से सटे इलाके को जैव विविधता क्षेत्र में विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

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