गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण: बिहार में बाढ़ के पानी से गांव शहरों से सिर्फ आदमी ही नहीं जानवर और वन्य जीव भी बेहद परेशान हैं। पानी भरे इलाकों से आदमी और जानवर ही ऊंचे इलाकों में शरण लेने को बेताब नहीं बल्कि पशु प्राणी भी सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भटक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिमी चंपारण के बेतिया में सामने आया जब एक घर से एक एक कर पचास सांप बाहर निकले। उधर बेतिया शहर में भी एक घर से दर्जन भर सांप निकले। जबकि दरभंगा के बाढ़ पानी से भरे एक थाने में सांप तैरते पाए गए।
एक—एक कर निकले पचास विषधर…
पश्चिमी चंपारण के गौनाहा थाना क्षेत्र के तारा बसवरीया गांव के इंदल गुरो के बाढ़ से जलाप्लावित घर में पानी थोड़ा कम हुआ तो एक बड़ा विषधर सांप बिल से बाहर निकला। इंदल ने उसे मार दिया। फिर उसने उसके बिल को फोड़ डाला। तब एक—एक कर कई सांप बाहर निकलने लगे। तब तक उसके घर में गांव वालों की भीड़ जमा हो गई। सभी सांपों को एक एक कर लोग मारते गए। अब गांव वाले इस चर्चा में मशगूल हैं कि इंदल के घर से इतने सांप कहां से निकले। सभी सांप कोबरा प्रजाति के थे जो जहरीले हुआ करते हैं।
और भी जगहों पर सांप
पश्चिमी चंपारण के बेतिया में ही एक और ठिकाने से दर्जन भर सांप निकले। बेतिया शहर के चौरास्ते के निकट एक घर से दर्जन भर सांप तब निकले जब बंद घर में बाहर से आए लोगों ने ताला खोलकर अंदर प्रवेश किया। यहां भी लोगों ने सांपों को मारना चाहा पर कुछ युवकों ने उन्हें सुरक्षित डिब्बों में बंद कर दूसरे स्थानों पर छोड़ा दिया। इधर दरभंगा में बाढ़ से घिरे सदर थाने में भी अनेक सांप तैरते पाए गए हैं। इन्हें देखकर पुलिस वाले भी डरे सहमे काम करते रहने पर विवश हैं।