गोंडा. गाेंडा में जीपीएफ का गबन करने मामले में पुलिस ने तीन सरकारी कर्मचारियों सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किए हैं। गाेंडा पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 26.75 लाख रुपए नगदी, 1.32 करोड़ रुपए बैंक खातों में फ्रीज कर चकबंदी विभाग के 25 कर्मचारियों की फर्जी आईडी सहित दो लैपटॉप, एक कंप्यूटर, चार सेट मोबाइल बरामद किए हैं। पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे व डीआईजी राकेश सिंह ने इस बारे में खुलासा किया।
यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 पर ग्रहण, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार गोपनीय सूचना पर किया काम :- बीते शनिवार को पुलिस अफसर ने बताया कि, उन्हें गोपनीय सूचना मिली कि भारतीय स्टेट बैंक नवाबगंज के कुछ बैक खाताधारकों के खाते में संदिग्ध धनराशि आ रही है। जिसमें नवाबगंज क्षेत्र के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक की मिलीभगत है। इस सूचना के आधार पर एसओजी टीम से जांच कराई गई। मामले की पुष्टि होने के बाद नवाबगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की गई।
14 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी सीज :- पुलिस ने बताया कि, जांच में चकबंदी विभाग गोरखपुर में तैनात अरुण वर्मा, स्वर्गीय मोहनलाल वर्मा भरवलिया बुजुर्ग आजाद नगर चेक थाना रामगढ़ ताल जनपद गोरखपुर, जनपद बस्ती के हरैया तहसील में तैनात लेखपाल राजेश पाठक, पटखौली थाना नवाबगंज गोंडा व स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक नान मून मौर्य, मुरावन पुरवा वजीरगंज स्टेट बैंक के लाइफ इंश्योरेंस एजेंट अरुण श्रीवास्तव इमलिया गुरदयाल कोतवाली नगर गोंडा तथा प्रदीप दुबे पूरे परसदा तरबगंज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें अरुण वर्मा व राजेश पाठक के पास करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक 14 करोड़ रुपयों की प्रॉपर्टी सीज कर दी गई है।