मामला गाजीपुर जिले की सदर कोतवाली अंतर्गत महाराजगंज बाजार का है। यहां के बर्तन कारोबारी मुन्नू प्रसाद ने मंगलवार की रात सुसाइड कर लिया। उनकी मौत के बाद अचानक ही सोशल मीडिया पर सोसाइड नोट की दो काॅपी वायरल होने लगी। वायरल सुसाइड नोट में बसपा सुप्रीमो द्वारा दो करोड़ रुपये मांगे जाने की टेंशन में आत्महत्या की बात लिखी थी। इसके अलावा पत्र में यह भी दावा किया गया था कि वह 1987 से बसपा का कार्यकर्ता है।
वायरल पत्र के बारे में जानकारी होते ही मृतक मुन्नू के घर पर मीडिया का जमावड़ा लग गया। वहां उनकी पत्नी लीला देवी और बेटी सुनीता ने मीडिया से इस बात की तस्दकी किया कि पत्र उन्हीं के पिता का है और उसमें लिखी हुई हैंड राइटिंग भी उन्हीं की है। पत्नी लीला देवी ने मीडिया से कहा कि वो कहते थे कि अगर अगर पैसा नहीं मिलेगा तो रास्ते में या तो घर पर मर जाउंगा। उन्होंने कहा कि सुसाइड लेटर में हैंड राइटिंग उन्हीं की है। कहा कि वो पार्टी के हर काम में जाते थे। बड़ी बेटी सुनीता ने बताया कि वो कहते थे कि एक दिन जरूर चुनाव लड़ूंगा और बिना पैसे का टिकट मिलेगा। सुनीता का दावा है कि उसके पिता ने गाजीपुर के किसी नेता से फोन पर उससे बात भी करायी थी और उन्होंने आश्वासन भी दिया था। कहा कि उनके पाप ने फोन पर उन्हें इस बारे में बताया था। परिजनों ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उधर इस इस बाबत जब बसपा जिलाध्यक्ष राम प्रकाश गुड्डू से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने मुन्नू प्रसाद के बहुजन समाज पार्टी का कार्यकर्ता होने से साफ इनकार कर दिया। गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डाॅ. ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि पुलिस को मृतक के शव के पास से किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला था। बाद में परिजनों ने एक लेटर दिया है। पुलिस उसकी जांच कर रही है और उसी के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।