गाज़ियाबाद

भगवान दूधेश्वर नाथ मंदिर पर भी लगा कोरोना का ग्रहण, कपाट बंद होने पर गेट पर ही जलाभिषेक कर रहे श्रद्धालु

गाजियाबाद में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर समेत कई मंदिरों बंद किए गए

गाज़ियाबादApr 18, 2021 / 10:45 am

lokesh verma

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया है। इसी बीच गाजियाबाद स्थित भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के अलावा अन्य कई मंदिरों पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। रविवार सुबह से ही इन मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। अब यहां श्रद्धालुओं का आना पूरी तरह वर्जित है। रविवार को श्रद्धालु मंदिर तो पहुंचे, लेकिन कपाट बंद होने के चलते बाहर से ही शीश नवाकर वापस लौट गए। नवरात्रि पर जहां मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लग रही थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा है।
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बता दें कि कोविड-19 (Covid-19) को फैलने से रोकने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात 8:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया था। वहीं, अब रविवार को पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है, ताकि लोग घर से बाहर न निकले और कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद से जिले के कई बड़े मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। वहीं गाजियाबाद के सबसे प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के कपाट भी पूरी तरह बंद हैं। यहां पर जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने आ रहा है। उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है। मंदिर के कपाट बंद होने के कारण मंदिर के गेट पर ही लोग जलाभिषेक कर वापस लौट रहे हैं। हालांकि इन लोगों की संख्या भी बेहद कम है। क्योंकि लोग भी कोविड-19 संक्रमण को गंभीरता से ले रहे हैं।
मंदिर पहुंचने वाले कुछ भक्तों ने बताया कि उन्होंने भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने के लिए चालीसा का संकल्प लिया हुआ है। इसलिए भले ही वह भगवान भोलेनाथ के नजदीक नहीं जा सकते, लेकिन गेट पर ही जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा कर रहे हैं। बहराल मंदिर पर आने वाले इन भक्तों का भी यही मानना है कि लॉकडाउन का जो निर्णय लिया गया है, वह बिल्कुल सही है। क्योंकि लॉकडाउन के दौरान जब लोग कम संख्या में बाहर निकलेंगे तो निश्चित तौर पर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है।
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