अब आत्मनिर्भर बनेंगी गांव की महिलाएं, कपड़े सिलकर हर रोज कमा सकेंगी 600 रुपये

Highlights
-खादी ग्रामोद्योग ने एक अच्छी पहल शुरू की
-महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है
-प्राइमरी स्कूल में 15 दिन के लिए कौशल सुधार ट्रेनिंग कार्यक्रम के आयोजन की शुरुआत की गई

ग़ाज़ियाबाद। खादी ग्रामोद्योग ने एक अच्छी पहल शुरू करते हुए गांव की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके चलते ग़ाज़ियाबाद के इकला गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल में 15 दिन के लिए कौशल सुधार ट्रेनिंग कार्यक्रम के आयोजन की शुरुआत की गई है। इस आयोजन की 9 सितंबर को शुरुआत की गई थी। इसके अंतर्गत कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए मास्क बनाए जाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस प्रोग्राम की खास बात यह है कि ट्रेनिंग देने वाले कुशल कारीगर और डिजाइनर इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। खादी ग्रामोद्योग का इस कार्यक्रम के दौरान कुल 75 महिलाओं को कुशल ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है और फिलहाल 25 महिलाएं इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं।
इस अवसर पर मौजूद क्रिकेटर और सेलिब्रिटी के कपड़े डिजाइन करने वाले मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के दौरान उन्होंने 7 अप्रैल से अभी तक कुल 6 राज्यों के 100 गांव में जाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाए जाने के लिए कार्य शुरू किया है। अभी तक उनके द्वारा तैयार किए हुए सवा लाख मास्क लोगों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा जो ऐसी महिलाएं हैं। वह पढ़ी-लिखी भी हैं और तकनीकी जानकारी ना होने के कारण वह कुछ अलग से कार्य नहीं कर पाती हैं और उन्हें कुछ करने की जिज्ञासा भी होती है। तो ऐसी सभी महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाती है। उन महिलाओं को मास्क के अलावा अन्य फॉर्मल ड्रेस भी बनाने सिखाई जाती है ।ताकि वह घर रहते हुए भी कुछ समय निकालकर अलग से आमदनी कर सकती है। फिलहाल खादी ग्रामोद्योग के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले और भी कई संस्थाओं के साथ उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत की हुई है । उन्होंने बताया कि 23 सितंबर को इस कार्यक्रम की समाप्ति के दौरान महिलाओं को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाएगा और आगे से महिलाओं से कार्य कराया जाएगा।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए जिला ग्रामोद्योग अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग देहात में उन महिलाओं के लिए एक खास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाए जाने के लिए कौशल सुधार ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के बाद इन महिलाओं को कपड़ा उपलब्ध कराकर उनसे कपड़े या मास्क तैयार कराए जाएंगे और उन्हें मेहनताना दिया जाएगा। एक कुशल महिला यदि कार्य करेगी तो निश्चित तौर पर 500 से ₹600 प्रति दिन के हिसाब से कमाई कर सकती है।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई महिलाएं खादी ग्रामोद्योग की इस पहल से बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि वह इस तरह के कार्य करना चाहती हैं। महिलाओं का कहना है कि उन्हें वह इस अवसर का पूरा लाभ लेना चाहती हैं।
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