महिला अपराधों की समीक्षा- 2018 में गत वर्ष कीतुलना में जोन में महिला अपराधों में आई कमी
सागर. महिला अपराधों की स्थिति को लेकर मंगलवार को महिला अपराध एडीजी ने पांचों जिले के पुलिस अधीक्षकों से वन-टू-वन चर्चा की। इस दौरान पुलिस अधीक्षकों ने पुलिस कंट्रोल रूम में पावर पाइंट प्रजेंटेशन देकर महिला अपराध में कमी-वृद्धि, उनकी विवेचना की स्थिति को आंकड़ों के माध्यम से जानकारी देकर अपराध रोकने के प्रयासों के बारे में भी बताया।
समीक्षा के दौरान सागर जोन में महिला अपराधों में गिरावट को लेकर उन्होंने संतुष्टि जताई साथ ही छेड़छाड़ जैसे महिला अपराधों वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां पुलिस की निगरानी, निर्भया-शक्ति मोबाइल की पेट्रोलिंग बढ़ाने के अलावा स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं के बीच पहुंचकर संवाद कार्यक्रम आगे चलाने के भी निर्देश दिए। जोन के महिला अपराधों की स्थिति के साथ ही एडीजी मंगलम ने जिलों में दर्ज महिला अपराधों के स्टेटस पर भी सवाल- जवाब किए।
उन्होंने विवेचना की स्थिति और लंबे समय से लंबित महिला अपराधों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने थानास्तर पर बढ़े महिला अपराध की वजह के संबंध में चर्चा की और उनके निराकरण के लिए दिशा-निर्देश दिए। एडीजी ने पिछले दिनों मुख्यालय के निर्देश पर चलाए गए अभियान के तहत जिलों में महिला अपराधों को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की ताजा स्थिति भी जानी।
3 घंटों में पांच जिलों के अपराधों की समीक्षा
एडीजी महिला अपराध अन्वेष मंगलम मंगलवार सुबह पुलिस कंट्रोलरूम पहुंचे। आइजी
सतीश कुमार सक्सेना, डीआइजी सागर रेंज आरके जैन, डीआइजी छतरपुर रेंज अनिल माहेश्वरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ल और एसपी सागर सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसपी छतरपुर विनीत खन्ना, एसपी टीकमगढ़ कुमार प्रतीक, एसपी पन्ना विवेक सिंह और एसपी दमोह विवेक अग्रवाल की उपस्थिति में उन्होंने जिलावार महिला अपराधों की स्थिति पर चर्चा की। सुबह ११ बजे से शुरू हुई अपराध समीक्षा और दिशा-निर्देशों का सिलसिला दोपहर २ बजे तक निर्बाध जारी रहा। इन तीन घंटों में एडीजी मंगलम ने जोन के हर जिले की पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रदर्शित आंकड़ों के आधार पर समीक्षा की।