Bihar Election: सीट शेयरिंग में बराबरी की भाजपाइयों की मांग पर सहयोगी JDU असहज

बिहार में भी सियासी बयान बाजी शुरू हो गई (Bihar Election: BJP Want To Share 50 Percent Seats With JDU) (Bihar News) (Gaya News)…

प्रियरंजन भारती
पटना,गया: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ बिहार में सियासी दलों के बीच खींचतान बढ़ने लगी है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुई बैठक के बाद बिहार में भी सियासी बयान बाजी शुरू हो गई। इस बैठक में भाजपा सांसदों ने पार्टी नेतृत्व के सामने अगले विधानसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह जेडीयू से आधी—आधी सीटों पर समझौता करने की मांग रखी है। भाजपा सांसदों की मांग के बाद बिहार में एनडीए खेमे में सरगर्मी तेज है।

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नीतीश कुमार के नेतृत्व में होगा चुनाव: संजय पासवान

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान की मानें तो सीटों के बारे में और सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान के जिम्‍मे है, लेकिन जब बिहार विधानसभा का अगला चुनाव जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में होना है तो ऐसे में भाजपा सांसदों की मांग जायज लगती है। संजय पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व की प्रशंसा विरोधी भी करते हैं और ऐसे में सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में कोई अंतर्विरोध नहीं है।

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जेडीयू ने कही ये बात

उधर जेडीयू ने भी इस पूरे मामले को लेकर सधी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी प्रवक्ता और बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि सीट शेयरिंग का अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान के ऊपर निर्भर करता है। अगर जेडीयू में भी मेरे जैसा कार्यकर्ता कोई मांग रख रहे हैं, लेकिन जब तक राष्ट्रीय नेतृत्व और नीतीश कुमार की मुहर नहीं लगी तब तक वैसी मांगों का कोई मतलब नहीं है। नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए में सभी नेताओं और जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का हक है और इसी कारण भाजपा सांसदों ने भी अपनी राय रखी है। जेडीयू नेता चाहे जो कहें लेकिन भाजपा नेताओं की मानें तो वह अब पहले वाली पार्टी नहीं बल्कि एक सशक्त पार्टी हो चुकी है। ऐसे में खुद भाजपा के अंदर महत्वाकांक्षा जिस कदर बढ़ी है वैसे मैं सीट शेयरिंग को लेकर सम्मानजनक समझौता ही पार्टी कार्यकर्ताओं के हित में होगा।

अभी तक के फॉर्मूले में जदयू को 110, भाजपा 100 तथा लोजपा को 23 सीटें दी जानी थी। लेकिन भाजपा के अंदर इसे लेकर व्यापक असंतोष का माहौल देखा जा रहा था। भाजपा के अंदर नेता को लेकर भी बेचैनी महसूस की जाती रही है।

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