तीन भाषाओं में बनायी थी फिल्म यहां भी पढ़ें- बिना Internet मैप का कर सकते हैं यूज, ये App करेगा आपकी मदद साल 1932 से 1947 के बीच केएल सहगल लोगों के दिलों पर राज करते थे और उस दौर के अकेले वो ऐसे सिंगर और एक्टर थे जिन्होंने हिंदी, बंगाली और तमिल की 36 फिल्मों में काम किया,जिसमें 28 फिल्में हिन्दी, सात बंगाली और एक तमिल में शामिल है। उन्होंने 185 से ज्यादा गाना गया है। सहगल की खासियत ये थी कि उन्होंने कभी गाने की ट्रेनिंग नहीं ली, बल्कि वो अपनी मां और अन्य लोगों के साथ धार्मिक कार्यक्रमों में गाना गाते थे।
फिल्म देवदास रही सुपरहिट सहगल साहेब की पहली फिल्म 1932 में बनी मोहब्बत के आंसू थी, जो उर्दू में रिलीज की गई थी। इसके बाद उन्होंने जिंदा लाश, सुबह के सितारे, देवदास, भक्त सूरदास, तानसेन, कुरुक्षेत्र, उमर खैय्याम, परवाना और चंडीदास जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि उस दौर में देवदास सबसे ज्यादा सुपरहिट फिल्म रही थी।
यहां भी पढ़ें- Honor 10 जल्द बाजार में देने जा रहा है दस्तक, मिलेगा ये खास फीचर मां से सीखा संगीत का हुनर जम्मू और कश्मीर के राजा के अदालत में सहगल उनके पिता अमरचंद सैगल तहसीलदार थे। उनकी मां केसरबाई सहगल हिंदू थी और उन्हें संगीत का शौक था यहीं वजह था कि जब वो किसी धार्मिक कार्यक्रम में जाती थी तो उनके बेटे को भी साथ ले जाती थी, जहां सहगल ने संगीत सीखा। एक्टिंग का भी हुनर बचपन से ही था। दरअसल जब वो बच्चे थे तो उन्होंने कभी-कभी रामलीला में सीता की भूमिका निभाई थी। सहगल साहेब की शादी आशा रानी से हुई थी।