नहीं रुक रहा बाहर से आनेवालों का क्रम

बाहर से आने वालों को रोक कर प्रशासन को दे रहे सूचनाकई गांवों में लोग दे रहे पहरा, रख रहे बाहर से आनेवालों पर नजर

<p>बाहर से आने वालों को रोक कर प्रशासन को दे रहे सूचनाकई गांवों में लोग दे रहे पहरा, रख रहे बाहर से आनेवालों पर नजर</p>

गाडरवारा। जिले के अधिकारियों की सतर्कता के चलते जिला कोरोना की आपदा से बचा हुआ है। इसमें सबसे बड़ी समस्या जिले से होकर गुजरने वाले बाहर से आने वाले बन रहे हैं। वहीं विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से भी बाहर से आने वाले आते हैं। इनमें सर्वाधिक लोग श्रमिक होते हैं। बीते दिनों से ऐसे लोगों को लगातार रोका जा रहा है एवं पूछताछ कर प्रशासन को सूचना दी जाती है। बानगी के लिए गत रात्रि कुछ लोग जिनमें महिलायें भी शामिल थीं, भोपाल से पैदल चलकर डिंडोरी जा रहे थे, पनारी गांव में उनसे जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह लोग भोपाल में लेबर का कार्य करते थे, जो कुछ खाने की सामग्री थी विगत एक माह से बैठे बैठे खा रहे थे, कुछ काम नही ंकर रहे थे तो खत्म हो गई। अब खाने की व्यवस्था तक नहीं है। मन में डर भी है कि परिवार से दूर हैं इसलिए हम पैदल ही घर जा रहे है। सुबह से खाना भी नही खाया है, बीमारी से नही तो भूख से मर जाएंगे। उनकी समस्या को देखते हुए हाट बाजार शेड में ग्राम पंचयात और आशीष उदेनिया, अशोक नेमा, मनोज कौरव, राजेन्द्र अतरौलिया, रजनीकांत दुबे, हेमंत शर्मा, शिवकुमार, यशवंत मेहरा, गब्बू श्रीवास, सत्तार खान आदि ग्रामीणों द्बारा उन्हें भोजन कराया गया। भोजन उपरांत सभी रात में ही डिंडोरी के लिए निकल गए। ग्राम पंचयात द्बारा इस बारे में कंट्रोल रूम जनपद चीचली में भी सूचना दे दी गई थी। इसी प्रकार मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस कामती गांव में भी पांच लोगों को नासिक से पैदल आते हुए पाया गया। उनसे पूछताछ की गई और प्रशासन को जानकारी देकर उनको वहीं पंचायत भवन में रोका गया। ऐसे ही बताया गया है कि सालीचौका में खंडवा जिले से पैदल चल कर आ रहे 25 से 30 मजदूर जो झारखंड प्रदेश जा रहे थे। जिनको नरसिंहपुर जिले की सीमा में प्रवेश करते ही उनको सालीचौका में रोका गया और प्रशासन को सूचना दी गई। जहां लोग ऐसे राहगीरों को रोक रहे हैं, वहीं अधिकारी भी निरंतर जिलों की सीमा के पास के चेकपोस्ट रास्तों पर निगरानी रखे हुए हैं। बावजूद इसके श्रमिकों के पास खाने पीने को कुछ नहीं होने से वह पैदल ही दूर दूर से उनके गांवों की ओर यात्रा कर रहे हैं। इस प्रकार के अनेकों मजदूर मार्च से निरंतर आते एवं गुजरते रहे हैं। जिले को सबसे बड़ा खतरा बाहर से आने वालों से ही बताया जा रहा है। इसे लेकर ही सावधानी के चलते जिला प्रशासन ने 20 अप्रेल से लाक डाउन में कोई ढील नहीं दी है।
ग्रामवासी भी खुद कर रहे रखवाली
चेकपोस्ट एवं नगरों के साथ गांवों में भी बाहर से आने वालों पर नजर रखी जा रही है। ऐसे ही सांईखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत धनोरा में कोरोना महामारी से बचाव के लिए ग्रामीण जागरूक हुए हैं। जिसमें रोजगार सचिव सुरेश अहिरवार, गांव कोटवार जगदीश एवं गांव के अन्य लोगों में भरत सिंह गुर्जर, शिवदीन, राजू, पंचम पटेल आदि के द्वारा ग्राम पंचायत के मार्ग पर फाटक बनाया गया है एवं आने जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। लोगों का कहना है यदि इसी प्रकार सभी ग्राम पंचायतें जागरुक हो जाएं तो उन गांवों से होकर जाने वाले बाहर से आने वालों पर प्रभावी नजर रखी जा सकती है। प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी, हर वक्त हर कहीं होना संभव नही है ऐसे में ग्रामवासियों को ही स्वयं और जागरुक होना पड़ेगा।

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