शोर शराबा होने से आमतौर पर जो पशु पक्षी दिन में नजर नहीं आते थे।
वही अब दिन.रात सन्नाटा छाए रहने से दिखने लगे हैं
गाडरवारा। एकओर लाक डाउन के चलते लोग अपने घरों में बंद हैं। वही प्रकृति ने भी राहत की सांस ली है। प्रदूषण का स्तर वाहन न चलने से कम हुआ है। नदी तालाबों का पानी भी निर्मल होने लगा है। वहीं शोर शराबा होने से आमतौर पर जो पशु पक्षी दिन में नजर नहीं आते थे। वही अब दिन.रात सन्नाटा छाए रहने से दिखने लगे हैं। इसी प्रकार तहसील के ग्राम सोकलपुर में गत दिवस राष्ट्रीय पक्षी मोर को पेड़ों पर बैठे देखा गया। ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्र में हिरण एवं अन्य जंगली जीव खेतों में कुलाचें मारते नजर आते हैं। गाडरवारा नगर में भी रेलवे स्टेशन रोड पर एक पेड़ पर बगुलों का झुंड बैठा देखा गया। लोगों के घरों के आसपास चिडिय़ों की चहचहाहट सुनाई देती रहती है। बड़े बुजुर्गों के अनुसार वर्षों के बाद इस प्रकार का नजारा फिर से देखने को मिल रहा है जो हर तरह से लॉक डाउन का ही नतीजा है।