Coronavirus के खिलाफ जंग में फुटबॉलर लालपेखलुआ ने किया सामूहिक रक्तदान

Jeje Lalpekhlua ने मिजोरम के अस्पतालों में खून की कमी के मद्देनजर 33 लोगों की टीम बनाकर किया रक्तदान।

<p>Jeje Lalpekhlua</p>

कोलकाता : कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पूरे विश्व में संकट छाया हुआ है। इसने देश में भी तबाही मचा रखी है। इससे बचाव के लिए सरकार और अवाम को कई मोर्चों पर लड़ना पड़ रहा है। इसका एक कारण यह है कि यह संक्रमण की बीमारी है और दूसरा अब इसका तक कोई कारगर उपाय नहीं ढू़ढ़ा गया है। ऐसे में यह महामारी तो संकट बनी ही हुई है। लॉकडाउन के कारण देश की आर्थिक रूप से कमजोर बहुत बड़ी आबादी के सामने भोजन की समस्या भी पैदा हो गई है। इसके अलावा चिकित्सकीय मोर्चे पर भी कई तरह की कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। इस कारण खेल जगत की कई हस्तियां सहायतार्थ सरकार और एनजीओ को रकम मुहैया करा रही हैं, ताकि इन मोर्चों पर लोगों की कठिनाइयां कम की जा सके, लेकिन भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के स्टार स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ (Jeje Lalpekhlua) इन सबसे एक कदम आगे निकल गए हैं। जब उन्हें पता चला कि देश में लॉकडाउन के कारण मिजोरम के अस्पतालों लोगों को खून मिलने में परेशानी हो रही है तो उनके नेतृत्व में 33 लोग अपना खून देने के लिए अस्पताल पहुंच गए।

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फुटबॉल महासंघ ने दी जानकारी

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने इसकी जानकारी देते हुए जेजे लालपेखलुआ के हवाले से लिखा है कि लॉकडाउन के कारण इन दिनों आसानी से खून नहीं मिल रहा है। जब उन्हें यह खबर मिली कि यंग मिजो एसोसिएशन से जुड़े अस्पताल को मदद की जरूरत है तो उन्हें पता था कि क्या करना है। इसके बाद 29 साल के जेजे अपने साथ 33 लोगों को लेकर रक्तदान के लिए तुंरत मिजोरम के डार्टलैंग के साइनोड अस्पताल में पहुंच गए। इंडियन फुटबॉल टीम ने अपने ट्विटर हैंडल पर जेजे की खून देती तस्वीर शेयर कर उन्हें सलाम किया है।

https://twitter.com/jejefanai?ref_src=twsrc%5Etfw
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जेजे बोले, सबको मिलकर लड़ना होगा

जेजे लालपेखलुआ ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में आप चुप नहीं बैठ सकते हैं। जैसे ही यह जानकारी मिली, उनके समेत 33 लोग रक्त देने के लिए अस्पताल पहुंचे गए। इनमें से 27 लोगों को रक्त देने के लिए योग्य माना गया। जेजे ने कहा कि यह किसी एक के बारे में नहीं है। यह पूरी मानवजाति के बारे में है। कोरोना के खिलाफ हम सबको मिलकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने अपने हिस्से की काफी छोटी भूमिका निभाई है, जो काफी संतोषजनक है। इसके लिए वह ईश्वर को धन्यवाद देते हैं, जिसने उन्हें ऐसा करने की हिम्मत दी।

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