रास्ते में उतार देते हैं सवारी
प्राइवेट बसों को रोडवेज के रंग में पुुतवाकर चालकों के द्वारा यात्रियों को बस में सवार कर लिया जाता है। रोडवेज की बराबर किराया वसूल किया जाता है। जब कोई यात्री टिकट की मांग करता है तो उसे प्राइवेट पर्ची थमा दी जाती है। जब यात्री बस रोडवेज न होने की बात कहते हैं तो उन्हें रास्ते में ही जबरन उतार देते हैं। कई बार यात्रियों की जान पर भी बन आती है। यात्री रोडवेज बस समझकर बैठ जाते हैं लेकिन जब बस किसी हादसे का शिकार हो जाती है तो उन्हें कोई मदद नहीं मिलती।
प्राइवेट बसों को रोडवेज के रंग में पुुतवाकर चालकों के द्वारा यात्रियों को बस में सवार कर लिया जाता है। रोडवेज की बराबर किराया वसूल किया जाता है। जब कोई यात्री टिकट की मांग करता है तो उसे प्राइवेट पर्ची थमा दी जाती है। जब यात्री बस रोडवेज न होने की बात कहते हैं तो उन्हें रास्ते में ही जबरन उतार देते हैं। कई बार यात्रियों की जान पर भी बन आती है। यात्री रोडवेज बस समझकर बैठ जाते हैं लेकिन जब बस किसी हादसे का शिकार हो जाती है तो उन्हें कोई मदद नहीं मिलती।