यह था पूरा मामला
थाना नारखी क्षेत्र से एक मोबाइल नम्बर से दो जुलाई को डीजीपी कार्यालय के कंट्रोल रूम के
सीयूजी नम्बर पर डीजीपी को मारने की धमकी दी गई थी। धमकी मिलने के बाद हड़कंप मच गया और आनन फानन में उस नम्बर को ट्रैस कराया गया। फिरोजाबाद का नम्बर निकलने पर एसटीएफ आगरा के उप निरीक्षक मानवेंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ सर्विलांस से इसकी खोजबीन शुरू की। नारखी का नम्बर मिलने पर स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी को दबोचने को दबिश दी।
थाना नारखी क्षेत्र से एक मोबाइल नम्बर से दो जुलाई को डीजीपी कार्यालय के कंट्रोल रूम के
सीयूजी नम्बर पर डीजीपी को मारने की धमकी दी गई थी। धमकी मिलने के बाद हड़कंप मच गया और आनन फानन में उस नम्बर को ट्रैस कराया गया। फिरोजाबाद का नम्बर निकलने पर एसटीएफ आगरा के उप निरीक्षक मानवेंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ सर्विलांस से इसकी खोजबीन शुरू की। नारखी का नम्बर मिलने पर स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी को दबोचने को दबिश दी।
प्रेमी को फंसाने के लिए रची साजिश
एसटीएफ ने नारखी के जाखई से युवक को उठा लिया। आशीष पुत्र बॉबी जाटव से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि उस सिम को तीन दिन पहले उसने अपनी पड़ोस की प्रेमिका को दे दिया था। प्रेमिका के पास पहुंचकर एसटीएफ ने सख्ती से पूछा तो किशोरी ने बताया कि उसने सिम को तीन दिन पहले ही अपने नाना रणधीर जाटव पुत्र मानिक चंद्र जाटव को दे दिया था। एसटीएफ ने इसके बाद नाना से पूछताछ की। पहले तो वह घुमाता रहा और फिर सख्ती करने पर उसने कबूल कर लिया कि उसने सिम से डीजीपी मुख्यालय पर फोन कर उनकी हत्या की धमकी दी थी। इसके पीछे धेवती के प्रेमी को फंसाना था। इसके बाद एसटीएफ रनवीर को अपने साथ आगरा ले गई।
एसटीएफ ने नारखी के जाखई से युवक को उठा लिया। आशीष पुत्र बॉबी जाटव से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि उस सिम को तीन दिन पहले उसने अपनी पड़ोस की प्रेमिका को दे दिया था। प्रेमिका के पास पहुंचकर एसटीएफ ने सख्ती से पूछा तो किशोरी ने बताया कि उसने सिम को तीन दिन पहले ही अपने नाना रणधीर जाटव पुत्र मानिक चंद्र जाटव को दे दिया था। एसटीएफ ने इसके बाद नाना से पूछताछ की। पहले तो वह घुमाता रहा और फिर सख्ती करने पर उसने कबूल कर लिया कि उसने सिम से डीजीपी मुख्यालय पर फोन कर उनकी हत्या की धमकी दी थी। इसके पीछे धेवती के प्रेमी को फंसाना था। इसके बाद एसटीएफ रनवीर को अपने साथ आगरा ले गई।
सिम को तोड़कर तालाब में फेंका था
आरोपी रणधीर ने एसटीएफ को बताया कि फोन करने के बाद सिम को तोड़कर तालाब में फेंक दिया था। इसके बाद रणधीर के खिलाफ नारखी में धारा 301, 20, धारा 419, 506, 507 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। उसको शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
आरोपी रणधीर ने एसटीएफ को बताया कि फोन करने के बाद सिम को तोड़कर तालाब में फेंक दिया था। इसके बाद रणधीर के खिलाफ नारखी में धारा 301, 20, धारा 419, 506, 507 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। उसको शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।