कोरोना से सुहागनगरी में बढ़ी बेरोजगारों की फौज, टूट गई सपनों की डोर

— फिरोजाबाद के मॉल और कारखानों में काम करने वाले युवाओं को नहीं मिल रहा काम।

<p>Unemployment Rate 2021: कोरोना की चुनौतियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 3 प्रतिशत</p>
फिरोजाबाद। जिले के करीब 35 हजार युवक—युवतियां फिरोजाबाद, आगरा और दिल्ली समेत अन्य जिलों और राज्यों में प्राइवेट नौकरी कर भविष्य को संजोने में जुटे हैं। कोविड 19 वायरस की वजह से लॉक डाउन हुआ तमाम युवाओं के हाथ से उनके सपने की डोर (नौकरी) छूट गई। लॉक डाउन में सबकुछ बंद रहने से काम नहीं मिला। अनलॉक—1 में शोरूम खुले लेकिन 40 प्रतिशत लोगों को ही काम पर वापस बुलाया गया। बाकी को शोरूम और स्टोर संचालकों द्वारा निकाल दिया गया। ऐसा किसी एक जगह नहीं बल्कि शहर के विभिन्न स्थानों पर देखने को मिली।
अनलॉक में भी नहीं मिली नौकरी
शिकोहाबाद में रहने वाले 34 वर्षीय दीपक राजपूत एमबीए किए हैं। शहर के नामचीन मॉल में विगत सात साल से नौकरी कर रहे थे लेकिन लॉक डाउन के दौरान मॉल बंद हो गया और वह घर चले गए। अनलॉक वन में वह नौकरी की जानकारी के लिए गए तो वहां उनसे मना कर दिया गया। अब वह नौकरी के लिए परेशान हो रहे हैं। शेखर उपाध्याय ने बताया कि एमजी रोड पर स्थित एक कपड़े के शोरूम पर करीब दो दर्जन सेल्समैन काम करते थे लेकिन लॉक डाउन के बाद खोले गए बाजार में शोरूम तो खुला लेकिन मात्र चार लोगों को ही नौकरी पर रखा गया है।
इलेक्ट्रॉनिक शोरूम से भी हटाए युवा
सदर बाजार में कई बड़े इलेक्ट्रोनिक शोरूम हैं। जहां एक—एक शोरूम पर 20 से अधिक युवा काम करते हैं। सुरेश चाहर ने बताया कि अब उनके आॅनर ने काम पर आने से मना कर दिया है। सोचकर परेशान हैं कि आगे क्या करें। कुछ समझ में नहीं आ रहा। फिरोजाबाद और आगरा में करीब 400 से 500 बड़े शोरूम और मॉल हैं। जहां लाखों युवक काम करते हैं। शोरूम चलाने वाले अजय गोयल का कहना है कि शोरूम भले ही खुल गए हैं लेकिन कस्टमर न होने के कारण सेल नहीं हो रही है। ऐसे में सभी को सेलरी देना पॉसिबल नहीं है। यदि जल्द ही कोरोना की रफ्तार नहीं थमी तो आने वाले समय में बेरोजगारों की संंख्या में इजाफा हो सकता है। कोरोना काल में फिरोजाबाद के हजारों युवाओं के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
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