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अगर आप भी लेना चाहते हैं Shares और Mutual Funds पर लोन, इन बातों का रखें ध्यान

शेयरों, म्यूचुअल फंड एवं बांड में किए अपने निवेश के बदले में लोन लेने का विचार भी कर रहे हैं। वैसे इस तरह से लोन काफी आसानी से मिल जाता है। कई बैंक और एनबीएफसी तो इसपर डॉक्यूमेंट्स भी नहीं मांगते हैं।

Apr 12, 2021 / 12:28 pm

Saurabh Sharma

You take loans on Shares and Mutual Funds, keep these things in mind

नई दिल्ली। कोविड 19 की वजह से कई लोगों की नौकरियां जा चुकी है। जिसकी वजह से वो लोग अपना काम शुरू करने का मन बना रहे हैं। जिसके लिए उन्हें रुपयों की जरुरत है। ऐसे में वो कंपनियों के शेयरों, म्यूचुअल फंड एवं बांड में किए अपने निवेश के बदले में लोन लेने का विचार भी कर रहे हैं। वैसे इस तरह से लोन काफी आसानी से मिल जाता है। कई बैंक और एनबीएफसी तो इसपर डॉक्यूमेंट्स भी नहीं मांगते हैं। लेकिन इस तरह के लोन में कई जरूरी शर्तें हैं। ब्याज दरों को भी देखना जरूरी है । आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आपको किन बातों का ध्यान रखने की जरुरत है।

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आखिर कितना मिल सकता है कर्ज
अगर आप किसी निवेश जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, बांड या बीमा पॉलिसी के बदले लोन लेने का मन बना रहे हैं तो आपको निवेश राशि के बदले 50 से 60 फीसदी तक लोन मिल सकता है। वहीं डेट म्यूचुअल फंड के बदले बैंक ज्यादा राशि का लोन दे सकते हैं, क्योंकि उसके रिटर्न में ज्यादा फ्लकचुएशन देखने को नहीं मिलता है। वहीं शेयरों में जोखिम ज्यादा देखने को मिलता है। जिसकी वजह से जिनके बदले में लोन कम मिलता है।

कितना लगता है ब्याज
शेयर और पॉलिसी के बदले बैंक होम लोन की ब्याज दरों से दो से तीन फीसदी ऊंची दर पर लोन देता है। यह ब्याज दर पर्सनल लोन के मुकाबले काफी सस्ती होती हैं। मौजूदा समय में विभिन्न बैंक और एनबीएफसी 9.25 फीसदी से लेकर 18 फीसदी दर पर शेयरों के बदले कर्ज दे रही हैं।

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कम समय के मिलता है लोन
शेयर-म्यूचुअल फंड के बदले लोन ज्यादा अवधि के लिए नहीं मिलता है। बैंक अमूमन तीन साल की अवधि के लिए लोन देते हैं। बैंक कुल कर्ज की ईएमआई चुकाने या हर माह ब्याज चुकाने और अंत में मूल राशि चुकाने का भी ऑप्शन देते हैं।

शेयर बाजार में गिरावट का पड़ता है असर
शेयर के बदले लोन लेने पर बाजार में गिरावट का असर साफ देखने को मिलता है। कारण है कि आपके शेयरों की वैल्यू कम हो जाती है। जिसकी वजह से बैंक लोन पीरीश्ड के बीच में आपसे उतनी ही राशि के शेयरों को गिरवी रखने या राशि चुकाने को कहते हैं। उदाहरण से समझने का प्रयास करें तो अगर आपने 10 लाख रुपए के शेयर गिरवी रखे जिसके बदले में 60 फीसदी यानी छह लाख रुपए लोन मिला। बाजार में 10 फीसदी गिरावट पर आपके शेयर 9 लाख रुप, के हो जाएंगे। ऐसे में आप केवल 5.40 लाख कर्ज के हकदार हैं। इस स्थिति में बैंक 60 हजार रुप, की भरपाई की मांग करते हैं।

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कितना होता है प्रोसेसिंग शुल्क
मोजूदा समय में कई बैंक 0.10 फीसदी से 2 फीसदी तक प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं। यूको बैंक 250 रुपए की तय राशि शुल्क के रूप में लेता है। जबकि कुछ बैंकों कर्ज सस्ता और शुल्क ज्यादा लेते हैं। जिसकी लिए आपको पूरी जांच करने की जरुरत है। इंडियन बैंक 9.05 फीसदी के शुरुआती ब्याज पर कर्ज दे रहा है। जबकि 0.30 फीसदी के करीब प्रोसेसिंग शुल्क ले रहा है। वहीं निजी क्षेत्र का कोटक महिन्द्रा बैंक दो फीसदी तक प्रोसेसिंग शुल्क ले रहा है।

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