शादी के बाद EPFO अकाउंट में करवाना पड़ता है बदलाव, नहीं तो फंस सकता है पैसा

शादी होने पर EPF अकाउंट को अपडेट करना जरूरी होता
अपडेट न करने पर बाद पैसा निकालना होता है मुश्किल

<p>Epfo Rule</p>

नई दिल्ली: नौकरीपेशा लोगों के लिए EPF अकाउंट कितना मैटर करता ये बताने की जरूरत नहीं है ऐसे में अगर आपकी जरा सी गलती की वजह से आपका अकाउंट खत्म हो जाएया आप अपनी जिंदगीभर की जमापूंजी को न निकाल पाएं तो ?? सोचकर ही परेशान हो गए न, हम आपसे ये बात इसलिए कह रहे है क्योंकि हो सकता है आप भी वही गलती कर रहे हो और आपको बाद में पछताना पड़े। EPFO का एक बेहद जरूरी नियम होता है जो आपकी शादी से जुड़ा होता है। अगर आपकी भी शादी हो गई है और EPFO के नियमानुसार आपने अपने खाते को लेकर जरूरी चीजें नहीं की हैं तो हो सकता है आपको भविष्य में अपनी खुद की बचत से हाथ धोना पड़ जाए।

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क्या है नियम-

EPFO का नियम है कि किसी भी ईपीएफ सदस्य की शादी होते शादी के पहले आपने जो नॉमिनेशन किया हुआ था वो रद्द हो जाता है और ऐसे में आपका पैसा रिस्क पर आ जाता है। यानि शादी के बाद आपको औपचारिक रूप से नॉमिनेशन बदलना होता है और अगर आप वक्त रहते नया नॉमिनेशन नहीं करते हैं तो आपका पैसा फंस जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) स्कीम, 1952 में इसकी जानकारी मिलती है। इसके अनुसार किसी भी ईपीएफ सदस्य की शादी होते ही उसे नया नॉमिनेशन करना जरूरी हो जाता है।

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किसे बना सकते हैं नॉमिनी- महिलाओं के मामले में उनका परिवार पति बच्चे , आश्रित मा-बाप या सास-ससुर को माना जाता है। वहीं लड़के के केस में मां-बाप,पत्नी को माना जाता है । EPFO मेंबर के परिवार में कोई सदस्य ना हो तो वो चाहे फिर किसी को भी नॉमिनेट कर सकता है। लेकिन शादी के बाद यह नॉमिनेशन इनवैलिड हो जाता है। यानि आपको दोबारा करना पड़ता ।

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