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एफडी निवेशकों को मिलेगा लाभ
– नीतिगत ब्याज दरें स्थिर रहने से फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए बचत करने वालों के लिए अच्छी खबर है।
– बैंक आगे भी एफडी पर ब्याज दर घटाने का फैसला नहीं लेंगे।
– एसबीआई ने सितंबर 2020 से एफडी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
– एफडी पर एसबीआई 2.9 फीसदी से लेकर 5.4 फीसदी तक ब्याज दे रहा है।
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सेविंग अकाउंट पर असर
– नीतिगत दरों में कटौती के बाद बैंक भी एफडी दरें घटाते हैं, लेकिन सेविंग अकाउंट में ऐसा नहीं होता।
– डिपॉजिट रेट में यह कटौती रेपो रेट के अनुपात में नहीं होती है।
– बैंक में पैसे जमाकर्ता के तौर पर देखें तो ब्याज दरें घटने का मतलब है कि अकाउंट में नए डिपॉजिट पर कम ब्याज मिलेगा।
– जिसका अर्थ है जमाकर्ता के डिपॉजिट पर रिटर्न भी कम मिलेगा।
– ब्याज दर बढऩे से मतलब है कि डिपॉजिट पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
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लोन की ईएमआई पर असर
– रेपो रेट में कोई बदलाव ना होने का अर्थ है लोन की ईएमआई नहीं घटेगी।
– इस साल मार्च के बाद से केंद्रीय बैंक में पॉलिसी दरों में 115 आधार अंकों तक की कटौती की थी।
– आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में आखिरी बार बदलाव 22 मई को को किया था।