1. मिनिमम बैलेंस में मिलेगी राहत – बैंक ने अपने मिनिमम बैंलेंस की रकम को पहले तुलना में घटा दिया है। यानी आज से आपको मिनिमम बैलेंस के मोर्चे पर राहत मिलेगी। पहले बैंक का मिनिमम बैलेंस 5,000 रुपए था, जिसे अब घटाकर 3,000 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा सेमी अर्बन ब्रांच के खाताधारकों को 2,000 रुपए और रुरल ब्रांच के खाताधारकों को 1,000 रुपए मिनिमम बैलेंस रखना होगा।
2. पेट्रोल-डीजल भरवाने पर नहीं मिलेगा कैशबैक- पहले बैंक ग्राहकों को क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल भरवाने पर 0.75 पैसे का कैशबैक देता था, लेकिन आज से बैंक ने यह सुविधा को बंद कर दिया है। यानी अगर आप आज से पेट्रोल-डीजल भरवाएंगे तो आपको किसी भी तरह का कैशबैक बैंक की ओर से नहीं मिलेगा।
3. पैसा जमा करने के नियम में हुआ बदलाव- आज से आप एक महीने में अपने खाते में सिर्फ तीन बार ही फ्री में पैसा जमा कर पाएंगे। अगर आप इससे ज्यादा बार पैसा जमा करते हैं तो आपको बैंक को चार्ज के रुप में प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 50 रुपए देने होंगे। बैंक ने इस संबध में सर्कुलर जारी कर अपने ग्राहकों को सूचना दे दी है।
4. एटीएम ट्रांजेक्शन में भी हुए बदलाव- इसके अलावा एटीएम मशीन पैसा निकालने वाले ट्रांजेक्शन की संख्या में भी कमी की गई है। पहले आप एक महीने में 12 फ्री ट्रांजेक्शन कर सकते थे और मेट्रो सिटी में इस ट्रांजेक्शन की संख्या 10 थी, लेकिन 1 अक्टूबर से बैंक ने इन ट्रांजेक्शन की संख्या को घटाकर 6 कर दिया है। यानी अगर आप इससे ज्यादा ट्रांजेक्शन करेंगे तो आपको बैंक को चार्ज देना होगा।
5. NEFT में भी हुआ बदलाव – बैंक ने इसके अलावा एनईएफटी और आरटीजीएस की सुविधा में भी बदलाव किया है। आज से आपको 10,000 रुपए तक के एनईएफटी लेनदेन पर 2 रुपए के साथ जीएसटी शुल्क भी देना होगा। इसके अलावा अगर आप 2 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको 20 रुपए के साथ जीएसटी देना होगा।
6. RTGS में भी चुकाने होंगें ज्यादा पैसा- आरटीएस का प्रयोग करने वाले ग्राहकों को अब से 2 लाख से 5 लाख तक के ट्रांजेक्शन पर 20 रुपए के साथ जीएसटी का भुगतान करना होगा और अगर आप 5 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको 40 रुपए के साथ जीएसटी का भुगतान करना होगा।
7. चेकबुक में हुआ बदलाव- खाताधारकों की चेकबुक में भी बदलाव हुआ है। आज से जो भी ग्राहक चेकबुक खरीदेगा उसको 10 चेक वाली चेकबुक के लिए ग्राहक को 40 रुपए के साथ जीएसटी का भी भुगतान करना होगा। इसके अलावा अगर कोई भी चेक किसी भी कारण से वाउंस हो जाता है तो उसके लिए भी ग्राहक 150 रुपए का अतिरिक्त चार्ज देना होगा।