एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने रिलायंस के अधिकारियों से संपर्क किया था। उन्होंने रिलायंस को TikTok की भारतीय यूनिट में निवेश का प्रस्ताव दिया था। इसी को लेकर कंपनी विचार—विमर्श कर रही है। हालांकि रिलायंस ने इसे महज एक अफवाह बताया है। मगर जानकार इस डील को लेकर काफी उत्सुक हैं। वे इसे भविष्य में होने वाले फायदे और नुकसान से जोड़कर देख रहे हैं। बताया जाता है कि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली फर्म ने पिछले महीने चीनी फर्म के साथ भारत में अपने परिचालन का अधिग्रहण करने के लिए बातचीत शुरू की थी। यह सौदा 5 बिलियन का माना जाता है।
मार्केट इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टॉवर के डेटा के अनुसार भारत शॉर्ट वीडियो ऐप का सबसे बड़ा बाजार है। इसके करीब 611 मिलियन से अधिक डाउनलोडर्स हैं। विमुद्रीकरण में चीन, यूएस और यूके को टिक्कॉक के कुल राजस्व का 90% हिस्सा मिलता है। हालांकि, रिलायंस और बायोटेन्स ने टिकटॉप पर सौदे पर किसी भी जानकारी से इंकार किया है। ग्रेचहाउंड रिसर्च के सीईओ संचित वीर गोगिया के मुताबिक वर्तमान परिस्थितियों में, रिलायंस जियो के साथ बायेडेंस का सौदा भारत में नियामक बाधाओं को दूर करने के लिए एक व्यावहारिक विकल्प हो सकता है। वहीं अन्य एक्स्पर्ट्स के मुताबिक इससे भारतीय युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। क्योंकि टिक टॉक के जरिए काफी यंग टैलेंट को दुनिया के सामने आने का मौका मिल रहा था। साथ इी इससे उनकी अच्छी कमाई भी हो रही थी। मालूम हो कि हाल ही में फेसबुक ने हाल ही में भारत में Instagram रील्स भी लॉन्च किया है। जिसमें रिलायंस अहम भूमिका निभा रहा है। चूंकि अभी तक टिकटॉक का मजबूत विकल्प नहीं मिला है। ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्री के इसे खरीदे जाने से इसे भारतीयों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है।