यह भी पढ़ेंः- Gold Loan पर RBI का बड़ा ऐलान, जानिए कितनी मिली आम जनता को राहत
उदाहरण से समझना होगा
नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर गोल्ड में कारोबार करने वाली फर्म प्रमुख के अनुसार आरबीआई की यह सुविधा कई लोगों के लिए मुनाफे का काला खेल खेलने का बढिय़ा मौका है। ऐसे लोग एक लाख सोना खरीदेंगे। उस पर वो 90 हजार का लोन ले लेंगे। उस 90 हजार में 10 हजार रुपए और मिलाकर दूसरी दुकान से गोल्ड खरीदेंगे। उसपर दूसरे बैंक से फिर 90 हजार रुपए का लोन उठा लेंगे। अगर वो ऐसा चार दुकानों में करते हैं और चार बैंक और एनबीएफसी से लोन उठाते हैं तो उसकी गोल्ड में इंवेस्टमेंट 1.40 लाख हो जाती है, लेकिन सोना 4 लाख रुपए का हो जाता है।
यह भी पढ़ेंः- RBI MPC Meet: Reserve Bank ने Repo Rate में नहीं किया बदलाव, अभी करना होगा इंतजार
फिर शुरू होता है मुनाफे का खेल
मान लीजिए जब सोना खरीदा गया था और उस पर लोन लिया गया तो दाम 40 हजार रुपए प्रति दस ग्राम था। उसके बाद मुनाफाखोर या ब्लैक मार्केटिंग करने वाले बैंक या एनबीएफसी से कहता है कि वो लोन की ईएमआई चुकाने की स्थिति में नहीं है। सोना बेचकर आप अपना रुपया ले लो और बाकी रकम मुझे वापस कर दी जाए। ऐसे में जब बैंक और एनबीएफसी उस सोने को दो या तीन महीने के बाद बेचता है, और सोना 60 हजार रुपए प्रति दस ग्राम हो जाता है, तो एक लाख रुपए के इंवेस्ट किए हुए सोने के बदले एक लाख 50 हजार रुपए का मिलते हैं। बैंक अपने रुपए के साथ 10 फीसदी का ब्याज मिलाकर यानी करीब 1 लाख रुपए रख लेता है। बाकी 50 हजार रुपए वापस कर देता है।
यह भी पढ़ेंः- Vivo के IPL 2020 से हटने से BCCI से लेकर Broadcaster तक किसे कितना फायदा और नुकसान
चार बैंकों में ऐसा करने से कमाए 2 लाख रुपए
जैसा की हमने आपको बताया कि अगर आप ऐसा 4 बैंकों या एनबीएफसी करते हैं और वही तरीका सभी बैंकों के साथ अपनाते हैं तो आप 2 लाख रुपए कमा लेंगे। यानी आपने 1.40 लाख हजार रुपए का इंवेस्ट किया, जिसपर आपने 4 लाख रुपए का सोना खरीदकर 3.60 हजार रुपए का लोन लिया। फिर आपने सोने के दाम बढऩे के बाद लोन बंद कराने के लिए बैंक को सोना बेचने के लिए बोल दिया। उस स्थिति में आपको उपर दिए गए कैल्कुलेशन के हिसाब से प्रत्येक बैंक से 50 हजार रुपए यानी चार बैंकों से दो लाख रुपए का फायदा हो जाएगा।
यह भी पढ़ेंः- RBI MPC से पहले लौटी Share Market में रौनक, Sensex 230 अंकों तक उछला
बस एक शर्त है
इस मुनाफाखोरी के खेल में शर्त है यह है कि सोने के दाम में इजाफा उसी तरीके का होना चाहिए जिस तरह की उम्मीद एक्सपर्ट कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार सोने के दाम में आने वाले 6 महीनों में 65 हजार रुपए से लेकर 70 रुपए प्रति दस ग्राम तक जा सकते हैं। ऐसे में मुनाफाखोरों की चांदी हो जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो मुनाफाखोरों का खेल उल्टा भी पड़ सकता है। जैसा कि गोल्ड कारोबार में मौजूदा तेजी देखने को मिल रही है आने वाले दिनों में कुछ ऐसे ही रहने के आसार देखने को मिल रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः- Vivo के Exit के बाद Byjus या Coca-Cola हो सकते हैं IPL 2020 के Main Sponsor
कहीं बिगड़ ना जाए सरकार की कहानी
वहीं सरकार की ओर जो राहत आम लोगों को दी गई है वो ब्लैक मार्केटिंग या मुनाफा कमाने वाले लोग फ्लॉप भी कर सकते हैं। ऐसा पहले भी देखा जा चुका है। जानकारों की मानें तो 2011 में इसी तरह की ब्लैक मार्केटिंग देखने को मिली थी। मंदी के दौर में इस तरह की मुनाफा वसूली बाजार के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर ऐसा ना होता तो सरकार को उस समय लोन लिमिट को 90 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी करने की जरुरत ही ना पड़ती।