आरबीआई का हेल्थ सेक्टर को 50 हजार करोड़ का बूस्टर डोज, एसबीएफ के लिए 10 हजार करोड़ का टीएलटीआरओ

आरबीआई ने अपने खजाने का मुंह हेल्थ सेक्टर और स्मॉल फाइनेंस की ओर किया है। जहां हेल्थ सेक्टर को 50 हजार करोड़ रुपए के बूस्टर डोज का ऐलान किया गया है। वहीं दूसरी ओर स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का टीएलआरटीओ लाने का भी ऐलान हुआ है।

<p>RBI booster dose of 50000 cr to health Sector, 10000 cr TLTRO for SBF</p>

नई दिल्ली। कोविड की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच आरबीआई ने अपना खजाना खोल दिया है। इस बार आरबीआई ने अपने खजाने का मुंह हेल्थ सेक्टर और स्मॉल फाइनेंस की ओर किया है। जहां हेल्थ सेक्टर को 50 हजार करोड़ रुपए के बूस्टर डोज का ऐलान किया गया है। वहीं दूसरी ओर स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का टीएलआरटीओ लाने का भी ऐलान हुआ है। इस मौके पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना कर सेकंड वेव ने इकोनॉमी पर गहरा असर डाला है। वैसे ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत देखने को मिल रहे हें। वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर बेहतर मानसून रहने से ग्रामीण मांग में इजाफा होने की उम्मीद है।

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हेल्थ सर्विस को 50 हजार करोड़ का बूस्टर डोज
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इमरजेंसी हेल्थ सर्विस के लिए 50,000 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। वहीं स्मॉल फाइनेंस बैंक्स के लिए 10000 करोड़ का टीएलटीआरओ लाया जाएगा। इनके लिए 10 लाख प्रति बॉरोअर की सीमा तय की गई है। 31 मार्च 2022 तक टर्म सुविधा मिलेगी। इसके अलावा 35000 करोड़ रुपये की गर्वमेंट सिक्योरिटीज की खरीद का दूसरा चरण 20 मई को शुरु होगा।

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केवाईसी नियमों में किए चेंज
केवाईसी नियमों में बदलाव कर दिए गए हैं। वीडियो केवाईसी को मंजूरी मिल गई है। आरबीआई गव्रनर ने कहा कि राज्यों के लिए ओरड्राफ्ट फैसिलिटी में भी राहत दी है। साथ ही प्राथमिकता वाले सेक्टरों के जल्द ही लोन और इंसेंटिव दिया जाएगा। साथ ही बैंकों को कोविड बैंक लोन भी बनाने को कहा जाएगा। आरबीआई गवर्नर के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है। सरकार वैक्सीनेशन में लगातार तेजी ला रही है। मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार देखने को मिल रहा है।

मोराटोरियम पर चुप्पी
वहीं दूसरी ओर आरबीआई गवर्नर ने लोन मोराटोरियम पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी। इस मामले में आरबीआई ओर सरकार पर प्रेशर बनाया जा रहा था कि लोन मोराटोरियम लागू किया जाए। ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। लेकिन केंद्र सरकार की ओर लॉकडाउन लगाने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। जिन राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है, वो स्टेट गवर्नमेंट की ओर से लगाया गया है। पीएम मोदी पहले ही अपने संबोधन में कह चुके हैं कि लॉकडाउन लास्ट ऑप्शन होगा। ऐसे में लोन मोराटोरियम के मुद्दे को को्रइ तवज्जों नहीं दी गई है।

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